‘आर्य मित्रों से भेंट व संवाद’

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Published on : 18 Aug, 17 12:08

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

श्री राजेन्द्र कुमार, अधिवक्ता हमारे सबसे पुराने एवं विश्वनीय अन्तरंग मित्र हैं। सन् 1970 या उसके बाद जब हम आर्यसमाज धामावाला देहरादून में अपने पड़ोसी प्रेरक मित्र श्री धर्मपाल सिंह जी के साथ समाज मन्दिर गये तब उन दिनों श्री राजेन्द्र कुमार जी यहां कार्य करते थे। हम तीनों समान वायु के थे और शिक्षा भी समान थी, अतः हमने कुछ ही दिनों में प्रगाढ़ सम्बन्ध हो गये। श्री धर्मपाल सिंह जी की 31 अक्तूबर, सन् 2000 को मृत्यु हो गई थी। श्री राजेन्द्र जी से हमारे तब जो सम्बन्ध बने थे वह समय के साथ प्रगाढ़ से प्रगाढ़तम होते गये। आज भी हमारा प्रेम, विश्वास व मित्रता वृद्धि को प्राप्त हो रही है।

श्री राजेन्द्र कुमार जी देहरादून कचहरी में अधिवक्ता है। हम अवकाश के अतिरिक्त सायं उनके घर लौटने से पूर्व प्रायः प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए कचहरी में उनके पास जाते हैं। घरों में भी आना जाना होता है। आज भी हम सायं 5.00 बजे न्यायालय परिसर में पहुंचे। तभी कुछ देर बाद हमारे दूसरे आर्यमित्र श्री ललित मोहन पाण्डे जी भी वहां आ गये। हमने आर्यसमाज के विषयों पर परस्पर वार्ता की। देश की राजनीति और मोदी जी व योगी जी के कार्यों की भी चर्चा हुई। श्री पाण्डेय जी को आर्यसमाज के सिद्धान्तों का अच्छा ज्ञान है। आपका अच्छा स्वाध्याय है। हर विषय पर आपको सिद्धान्तों का ज्ञान है और हम सप्ताह में एक या दो भेंटो में आर्यसमाज के विषय में ही चर्चा करते हैं। पाण्डेय जी को योगदर्शन व योगाभ्यास का भी गहन ज्ञान व अनुभव है। आपने योग का क्रियात्मक प्रशिक्षण योगधाम, हरिद्वार में रहकर स्वामी दिव्यानन्द सरस्वती जी से लिया है। इन सबसे जुड़े संस्मरण हमारी परस्पर बैठकों में वार्तालाप व चर्चा का विषय बनते हैं। यदि देखें तो आर्यसमाज के सिद्धान्तों व मान्यताओं पर हमारी सबसे अधिक चर्चा श्री पाण्डे जी व आर्य गुरुकुल, पौंधा के आचार्य डा. धनंजय जी से ही होती है।

श्री राजेन्द्र कुमार जी के साथ हमने सन् 1997 के पं. लेखराम बलिदान समारोह हिण्डोन सिटी व पंजाब में पंडित लेखराम जी की कर्मस्थली कादियां के समारोहों में भी भाग लिया। उसी अवसर पर अमृतसर में 1916 में घटित मानव-नर-संहार के नाम से जाने जाने वाले जलियावाला बाग काण्ड से जुड़े स्थलों को भी देखा था। देहरादून व आसपास आर्यसमाज के जो आयोजन आदि होते हैं उनमें हम दोनों मित्र परिवारों सहित सम्मिलित होते हैं। 20 अगस्त, 2017 को स्थानीय आर्य गुरुकुल पौंधा में आयोजित वेदारम्भ और उपनयन संस्कार में भी सम्मिलित होंगे। हम दोनों के आर्य मित्रों की एक ही सूची है। जो उनके मित्र हैं प्रायः वह सब ही मेरे भी मित्र है। आप आर्यसमाज देहरादून के वर्ष 1994-1995 में प्रशासक भी रहे हैं। उन दिनों श्री अनूपसिंह जी के मार्गदर्शन में जो आयोजन हुए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। आज भी हम उन दिनों आर्यसमाज में आयोजित पत्रकारिता सम्मेलन, स्वतन्त्रता दिवस सम्मेलन व स्वतन्त्रता सेनानियों का सम्मान, पर्यावरणविद् श्री वीरेन्द्र पैन्यूली जी द्वारा पर्यावरण और समाज व्याख्यान, एक पौराणिक शीर्ष विद्वान आचार्य वासुदेवानन्द जी के सान्निध्य में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का आयोजन, आर्य विद्वान प्रा. अनूप सिंह जी और आर्य नेता धमेन्द्रसिंह आर्य के व्याख्यान आदि अनेक घटनायें भुलाई नहीं जा सकती। इन आयोजनों के समाचार सभी स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों सहित आर्यसमाज की पत्र पत्रिकाओं में भी छपते थे। आर्यसमाज धामावाला की यह प्रगति देहरादून के परम्परागत नेता व विद्वानों को रास नहीं आई थी। उन्होंने सभी प्रकार के उचित व अनुचित कार्य करके कार्य में बाधा डाली व उसमें सफल भी हुए। उन दिनों का वही अनुभव हमें अब भी काम आ रहा है।

श्री राजेन्द्र कुमार जी की मित्रता ने हमारे जीवन की राह आसान बनाई है। हम उनके कृतज्ञ एवं ऋणी है। ऐसे ही हमारे एक मित्र श्री राम अवतार गर्ग जी भी हैं। उनसे भी हमें जीवन में आशातीत सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री गर्ग वर्तमान में दिल्ली के नौएडा में रहते हैं। आर्यसमाज की हमारी गतिविधियों के वह सक्रिय सहयोगी एवं प्रशंसक रहे हैं। वर्तमान में भी वह हमारी सभी फेसबुक पोस्ट को पढ़ते हैं व उन पर प्रतिक्रिया देते हैं।

आज हम अपने 86 वषीर्य वरिष्ठ मित्र श्री ईश्वरदयालु आर्य जी से भी मिले। उन्हें पं. विश्वनाथ विद्यामार्तण्ड जी कृत अथर्ववेदभाष्य, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और ऋग्वेद के 10वें मण्डल का स्वामी ब्रह्ममुनि कृत भाष्य उपलब्ध कराया। उन्होंने एक पुस्तक लिखी है। उसी क्रम में इन ग्रन्थों की उन्हें आवश्यकता थी। श्री दयालु जी हमारी मित्र मण्डली के सबसे वरिष्ठ मित्र हैं। आपके जीवन व अनुभव से भी हमें अपने जीवन में अतीव लाभ एवं मार्गदर्शन मिला है। ओ३म् शम्।

हम जो चित्र प्रस्तुत कर रहे हैं वह क्रमशः श्री राजेन्द्र कुमार जी, श्री ललित मोहन पाण्डेय जी, श्री धर्मपाल सिंह जी, श्री राम अवतार गर्ग जी एवं श्री ईश्वरदयालु आर्य जी का है।
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121

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