पश्चिमी बंगालविधानसभा में कैंसर मुक्त पश्चिमी बंगाल पर हुआ चिंतन

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Published on : 17 Aug, 17 16:08

पश्चिमी बंगाल में बढ़ते कैसंर रोगियों पर चिंता जताते हुए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के प्रोफेसर और कैंसर सर्जन डा. पंकज चतुर्वेदी ने कहा है कि युवावर्ग को इससे बचाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। तभी इस बढ़ती महामारी पर अंकुश लगा सकतें है। डा.चतुर्वेदी बुधवार को विधानसभा के सभागार मेंसंबध हैल्थ फाउंडेशन(एसएचएफ), नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, व वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस की और से कैंसर मुक्त पश्चिमी बंगाल जागरुकता कार्यक्रम कोसंबोधित कर रहे थे।
डा. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि बंगाल में बढ़ते कैंसर की रोकथाम के लिए इसके कारण को जानना होगा, तभी इसे रोक पांएगे। कैंसर पर आज भी कई तरह के शोध चल रहेहै, लेकिन 50 प्रतिशत ऐसा कैंसर है जो कि सीधेतौर पर तंबाकू के सेवन से होते है। क्यों कि जब किसी को कैंसर होता है तो उसका पूरा परिवार इससे प्रभावित होता है।इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि युवावर्ग को इससे बचाया जा सके। इसलिए सबसे पहले ऐसे उत्पादों की पंहुच को रोकना होगा।
तंबाकू से कैंसर, कार्डियो व इससे हो रही बीमारियेां पर हैल्थ केयर की लागत 3हजार 440 करोड़ रुपए आ रही है। जोकि बहुत अधिक है। वंही प्रदेश में करीब 1 लाख 53 हजार लोग प्रतिवर्ष बेमौत मर रहे है। इस पर रोक के लिए जो कानून बने है उनका प्रभावी रुप से पालन हो। खासतौर पर जेजे एक्ट मंे भी कार्यवाही की जा सकती है।

ग्लोबल टोबैको सर्वे (गेट्स-2) 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 28.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी रुप मंेे तंबाकू उत्पादों का उपभोग करतें है। जेा कि बेहदचिंताजनक है। जबकि 85 प्रतिशत सचित्र चेतावनी को देखकर 61.9 प्रतिशत सिगरेट पीने वाले तथा 53.8 प्रतिशत लोगों ने इसे छोड़ने के बारे में सोचा। जबकि वर्ष 2009 -10 में 38 प्रतिशत सिगरेट वालेां व 29.3 प्रतिशत बीड़ी पीने वालेां ने इसे छोड़ने के बारे में सोचा था।

वित मंत्री डा. अमित मित्रा ने कहा कि भारत में कैंसर की रोकथाम मे काम आने वाली कई दवाईयों के दाम बहुत अधिक है, उनको कम करने के लिए सभी विधायकेंा वचिकित्सकेां को साथ आकर आवाज उठाने की जरुरत है।

वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिमस के पैटर्न व नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.सोरव दता ने बताया कि दुनिया में तेजी से फैल रहे कैंसर के लिएतम्बाकू के विभिन्न उत्पादों के साथ ही साथ शराब, सुपारी और हमारा मोटापा भी जिम्मेदार है। वर्ष 2010 में वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण ( गेट्स ) के अनुसार पश्चिमी बंगालमें 36.3 प्रतिशत (करीब 2.5 करोड़) किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। उन्होने बताया कि पश्चिमी बंगाल में प्रतिदिन 438 बच्चे, युवा तंबाकू उत्पादों कीशुरुआत करते है वंही भारत में 5500 बच्चों को बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। जबकितंबाकू सेवन करने वाले केवल तीन प्रतिशत लोग ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को तम्बाकू सेवन की पहल करने से ही रोके।

उन्होने बताया कि तंबाकू चबाने से मुंह, गला, अमाशय, यकृत और फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू जनित रोगों में सबसे ज्यादा मामले फेफड़े और रक्त सेसंबंधित रोगों के हैं जिनका इलाज न केवल महंगा बल्कि जटिल भी है।

संबंध हेल्थ फाउंडेशन के संजय सेठ ने बताया कि सरकार को सम्पूर्ण राज्य में इस प्रकार के हानिकारण उत्पादों को बच्चे व युवाओं की पहुंच से दूर रखने के लिए शिक्षणसंस्थाअेंा व सार्वजनिक स्थलों को तंबाकू मुक्त करने की भी आवश्यकता है। इसके साथ ही जेजे एक्ट पर पर भी काम करना चाहिए ताकि कोई भी वेंडर कम उम्र के बच्चोंसे इस प्रकार के उत्पादों को विक्रय नहीं करवा सकें।

इस दौरान कैंसर से पीडि़त निलाधरी और बाबुल ने अपनी दास्तां को सभी विधायकेां को बताया।

मौके पर ही विधायकेंा ने कैंसर को लेकर कई तरह के सवाल भी किये। जिसमें सुपारी से कैंसर, भविष्य में कैंसर की पूर्व में जांच इत्यादि शामिल है। जिसका डा. पकंजचतुर्वेदी ने विस्तारपूर्वक जवाब दिया।

इस दौरान हैल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग की राज्यमंत्री चंदरिमा भटटाचार्य, विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी, शिक्षामंत्री डा.पार्था बनर्जी, हैदर अजीज सेवी, विधानसभामें प्रतिपक्ष नेता अब्दुल मनन, सीपीाअई (एम) के नेता डा. सुजन चक्रबर्ती, हैल्थ एंव फैमिली वेलफेयर स्टेंडिग कमेटी के चेयरमैन डा.निरमल माझी, निर्मल घोष सहित एकसौ से अधिक विधायक उपस्थित थे। इसके साथ ही संबध हैल्थ फांउडेशन की डायरेक्टर आशिमा सरीन, नारायणा सुपर स्पेशलिटी के जोनल डायरेक्टर आर. वैंकटेश वअक्षय ओलेटी भी उपस्थित थे।


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