सामुहिक भागीदारी से विद्यापीठ को अग्रणी बनाने का संकल्प

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Published on : 17 Aug, 17 07:08

नागर का अध्यात्म संजीवनी समान- प्रो.एस.एस. सारंगदेवोत

सामुहिक भागीदारी से विद्यापीठ को अग्रणी बनाने का संकल्प उदयपुर राजस्थान विद्यापीठ के संस्थापक शिक्षाविद साहित्यकार मनीषी प. जनार्दनराय नागर की २० वीं पुण्यतिथी को विद्यापीठ के विभिन्न विभागों मे उन्हे श्रद्धापुर्वक याद करके उनकी प्रतिमा को पुष्पाजंली अर्पित की गयी। मुख्य कार्यक्रम प्रतापनगर स्थित प्रशासनिक भवन उनकी प्रतिमा को पुष्पाजंली एवं संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा की मेवाड में शिक्षा का प्रचार-प्रसार एवं समाज सेवा में प. नागर की महत्वपुर्ण भुमिका रही पं. नागर ने मेवाड के जन जीवन म स्वाधीनता की चेतना का विकास किया। साहित्य, कला संस्कृति, शिक्षण दीक्षण आदि के माध्यम से समाजोत्थान का कार्य किया। वह चाहते थे कि समाज की बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरूप उत्पन्न होने वाली अपेक्षाओें की पूर्ति हो। इसके लिये वह आवश्यक समझते थे कि मनुष्य सच्चे अर्थों में मनुष्य बने।प. नागर का अध्यात्म जीवन के अर्थ की व्याख्या करता है, विजय सिंह पथिक, माणिक्यलाल वमा्रर् एवं मोतीलाल तेजावत आदि स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने त्याग और बलिदान से मेवाड की कीर्ति को उज्ज्वलता प्रदान की है। उसी दौर में स्वतत्रंता की अलख जगाते हुए मेवाड के जन-जन की निरक्षरता का अंधकार दूर करने की जो तपस्या पं० जनार्दनराय नागर ने की, उसे भुलाया नहीं जा सकता। अध्यक्षता करते हुये कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने बताया की स्वतंत्रता संग्राम के दोरान उंन्हौने जन जन को शिक्षित करने का आन्दोलन चलाया। उनका दृढ विश्वास था कि शिक्षित समाज ही राष्ट्र के उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है, नागर के साहित्य को उनके सामाजिक सरोकारो का प्रतिनिधित्व बताया। प्रो. जी.एम. मेहता,, सहायक कुल सचिव डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. मंजू माण्डोत, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. हिना खान, डॉ. मनीष श्रीमाली, स्पोर्ट्स बोर्ड के चेयरमेन भवानीपाल सिहं राठौड, आशीष नन्दवाना, डॉ दिलीप सिंह चौहान, डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा, डॉ. औम पारीक, जितेन्द्र सिंह चौहान, नजमुद्दीन, के.के. नाहर, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, राजेन्द्र कुमार वर्मा, खेमराज माली, नारायण गायरी, वेणीराम सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
श्रमजीवी महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. सुमन पामेचा कहा की प. नागर ने राष्ट्र भाषा हिन्दी के माध्यम से स्वाधीनता संग्राम में योगदान दिया। इस अवसर पर, डॉ. यूवराज सिंह राठौड आदि ने श्रद्धान्जली अर्पित की।
इसी तरह पंचायत युनिट डबोक परिसर मे लोकमान्य तिलक कॉलेज में प. नागर के ग्रन्थों का पुजन कर उनको नमन किया।, डॉ. शशि चितोडा, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठोड, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. सरीता मेनारिया, डॉ. सुनीता मुर्डिया, डॉ. अनीता कोठारी, प्यारेलाल नागदा, सहित उपस्थित कार्यकर्ताओं ने याद किया। इसी तरह होम्योपैथिक महाविद्यालय फिजियौथैरेपी साहित्य संस्थान, ओ.सी.डी.सी. श्रीमन्नारायण सी.से.स्कुल, स्कुल ऑफ सोशल वर्क, जन शिक्षण एवं विस्तार निदेशालय, इजिनियरिंग महाविद्यालय, कम्प्युटर आ.टी., एम.बी.ए विभाग आदि ने जन्नु भई के उनकी २०वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा पुर्वक याद किया।

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