दुबई ने योग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के साथ समझौता करने की इच्छा जताई

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Published on : 12 Aug, 17 08:08

नई दिल्ली में दसवां वर्ल्ड एजुकेशन समिट का राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी ने किया उद्घाटन

नई दिल्ली । राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी ने बताया कि दुबई ने योग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के साथ समझौता करने की इच्छा जताई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्राी वसुंधरा राजे के विशेष प्रयासों से राजस्थान देश मे योग विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पहल करने वाला प्रथम प्रदेश है। साथ ही देश में पहली बार अपने ढंग का पहला एजुकेशन फेस्टिवल का आयोजन भी पिछले दिनों जयपुर में हुआ है।
श्रीमती माहेश्वरी शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय,राष्ट्रीय कौशल विकास कारपोरेशन(एन एसडीसी) व ईलेटस टेक्नोमीडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित दसवे वर्ल्ड एजुकेशन समिट का उद्घाटन कर रही थी। दो दिवसीय इस समिट में 14 देशो के प्रतिनिधि भाग ले रहे है।
श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज सारी दुनियां 21 जून को विश्व योग दिवस मना रही है। बावजूद इसके कुछ लोग अभी भी योग को समझ नहीं पाए हैं। इन लोगों को दुनियां के उन देशों से सीखना चाहिए जो संकीर्ण बातों से ऊपर उठ कर योग को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले वक्त में योग को बढ़ावा देने के लिए दुबई के साथ राजस्थान का समझौता होने की आशा है। उन्होंने यह भी बताया कि कान्फ्रेंस में भाग लेने पहुंचे देश विदेश के कई बड़े शिक्षा संस्थानों ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्रा में काम करने की इच्छा जताई है। श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि आज देश मे राजस्थान की पहचान स्कूली शिक्षा में एक माडल राज्य के रूप में हुई है। प्रदेश बहुत जल्द स्कूली शिक्षा में लागू किए गए कामों को उच्च शिक्षा विभाग भी लागू करने जा रहा है।
हर जिले में इंडस्ट्रियल इंटरेक्शन प्रकोष्ठ
उन्होंने बताया कि राज्य के हर जिले के एक सरकारी कालेज में इंडस्ट्रियल इंटरेक्शन प्रकोष्ठ गठित करने का प्रस्ताव है। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से स्थानीय संभावनाओं के मद्देनजर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलवाने पर बल दिया जाएगा।
सभी सरकारी कॉलेज वाई फाई
श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेज को वाई फाई इंटरनेट सुविधा से युक्त बनाने के लिए जीईओ के साथ एमओयू किया है। इसी प्रकार 80 राजकीय महाविद्यालयो में ई लर्निंग के लिए स्मार्ट क्लास रूम बनाये जायेगे। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में ब्रिटिश काँसिल की मदद से केरल व आंध्रप्रदेश की तर्ज पर कुछ कॉलेज में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में स्मार्ट लेब भी शुरू की जाएगी जिसमें कम्युनिकेशन्स स्किल व प्रेजेंटेशन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान इग्नू की मदद से 100 से भी अधिक सरकारी कॅालेज में शिक्षा के क्षेत्रा में नवाचार,शोधपरक और व्यावहारिक पाढयक्रमांे को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बनेगा।
समिट में श्रीलंका के शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वी एस राधाकृष्णन, दुबई के एजुकेशन डेवलपमेंट केएचडीए की अधिशाषी निदेशक सुश्री केलथुम अलबलूशी,यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के श्री क्रिस कोब, भारत सरकार के शिक्षा सचिव श्री अनिल स्वरूप और एआईसीईटी के प्रो.श्री अनिल डी सहस्त्राबुधे सहित अन्य कई शिक्षाविद तथा स्टेक होल्डर मोजूद थे। राजस्थान के शिक्षा आयुक्त श्री आशुतोष पेडणेकर ने भी समिट में भाग लिया।
केंद्रीय मंत्रियों से भेंट
श्रीमती माहेश्वरी ने बाद में केंद्रीय जनजाति मामलो के मंत्राी श्री जुराव ओरम और अल्पसंख्यक मामलात मन्त्राी श्री मुख्तार अब्बास नकवी से भी भेंट की और प्रदेश के जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के छात्रा व छात्राओं के हॉस्टल के लिए 20 करोड़ रु की मंजूरी देने का आग्रह किया। इसी प्रकार अल्पसंख्यक बहुल भरतपुर और अलवर के विश्व विद्यालयों में मल्टी सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए 300 करोड़ की मदद दिलवाने की मांग रखी।
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