लोस रिडक्शन प्रोग्राम में किए गए कार्य की समीक्षा उपरान्त कार्यवाही संबंधी दिशा निर्देश जारी

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Published on : 09 Aug, 17 08:08

अजमेर | अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के अति. मुख्य अभियंता (मुख्यालय) श्री एस. एस. मीना ने एक आदेश जारी कर बताया कि लोस रिडक्शन प्रोग्राम का कार्य दिसम्बर, 2017 तक 3 चरणों में पूर्ण किए जाने एवं इस संबंध में क्षेत्राधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में पूर्व में दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिसके अनुसार प्रत्येक ग्रामीण फीडर पर फीडर इंचार्ज को नियुक्त किया जाना था।

उन्होंने बताया कि किसी भी फीडर पर लोस रिडक्शन प्रोग्राम का कार्य पूरा होने के पश्चात् एवं संबंधित फीडर इंचार्ज द्वारा यह घोषित करने के उपरान्त कि इस फीडर पर ट्रांसफार्मर की रीकंडीशनिंग का कार्य पूर्ण हो गया है के बाद भी यदि किसी ट्रांसफार्मर की वेल्डिंग टूटी हुई पायी जाती है तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर की वेल्डिंग टूटी हुई पायी जाने पर प्राथमिक जिम्मेदारी फीडर इंचार्ज की होगी। फीडर इंचार्ज इस संबंध में सूचना संबंधित कनिष्ठ अभियंता को अधिकतम 3 दिवस में देगा एवं कनिष्ठ अभियंता विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 138 के अन्तर्गत वीसीआर भरकर मुकदमा दर्ज करवाने की कार्यवाही करेगा। यदि कनिष्ठ अभियंता द्वारा उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो इसके लिए वह जिम्मेदार होगा।

उन्होंने कहा कि यदि फीडर इंचार्ज द्वारा ट्रांसफार्मर की वेल्डिंग टूटने से संबंधित सूचना कनिष्ठ अभियंता को नहीं दी जाती है एवं कनिष्ठ अभियंता/सतर्कता दल द्वारा जांच के दौरान ट्रांसफार्मर की वेल्डिंग टूटी हुई पायी जाती है तो संबंधित फीडर इंचार्ज दोषी माना जाएगा व उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। ट्रांसफार्मर की वेल्डिंग टूटी पाई जाने पर खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिए 72 घंटे की समय सीमा लागू नहीं होगी। ऐसे मामलों में ट्रांसफार्मर कानूनी प्रक्रिया के तहत बदले जाएगें।

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