पुस्तकों को बनायें मित्र ,उपहार में देवें पुस्तकें

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Published on : 08 Aug, 17 13:08

पुस्तकों को बनायें मित्र ,उपहार में देवें पुस्तकें पुस्तकालयों की अपेक्षा सर्वाधिक आजीवन सद्स्य हें पुस्तकालय पूर्ण रूप से कम्प्युट्रीक्रत है । वर्तमान में पुस्तकालय अपनें निजि भवन में संचालित है जिसका निर्माण राजा राममोहन राय पुस्तकालय कोलकाता के आर्थिक सहयोग से किया गया है
पुस्तकालय के भवन निर्माण एवं इसके उपरांत विभिन्न वर्ग के पाठकों को पुस्तकालय से जोड्ने के प्रयास तथा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से सुविधा उपलब्ध कराने के भागीरथी कार्य में निरंतर जुटे हैं पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव । अब ये आगामी दिनों में पुस्तकालय में “रीड इट एण्ड रिव्यू इट” जैसा नवाचार प्रारम्भ करने जा रहे हैं । प्रगतीशील विचारों, अणवेषण दृष्टि, मिलन सार एवं सहज डॉ. श्रीवास्तव के ही अथक एवं निरंतर प्रयासों का ही सुफल है कि कोटा में संचालित यह प्राचीन पुस्तकालय आज विविध प्रकार से उपयोगी वट व्रक्ष बन गया है ।डा. दीपक का व्यक्तित्व इसी से झलकता हें कि यह बहाल ही में भारत कें 6 प्रभावशाली सार्वजनिक पुस्तकाल्याध्यक्षों की सूची में शामिल हें । इनकों हाल ही में मेलबर्न (आस्ट्रेलिया )में ग्लोबल लाईब्रेरिज की निदेशक डेब्रा जेकब एवं इफ्ला की प्रेसीडेंट क्रिस्चन मेगेंजी द्वारा सयुंक्त रुप से “ मोस्ट क्रियेटीव थींकर एवार्ड” से समानित किया गया । इनकों 3 बार एल.पी.ए. नेशनल एवार्ड , कैलाश बेस्ट रिसर्च पेपर , प्रेजेंटेशन एवं नोलेज शेयरिंग एवार्ड , मित्रा नोवेल्टी एवार्ड , सुमित्रा रिसर्च एवार्ड , मनोहर रिसर्च एवार्ड समेत कई अन्य एवार्ड से समानित किया जा चुका हें । आपनें अभी तक अंतार्ष्टीय मंचों पर अपनें शोध पत्रों का वाचन भी किया हें अभी हाल ही में मेलबर्न (आस्ट्रेलिया ) इंडियाज नेक्स्ट लाईब्रेरी रोल मोडेल पर सेंड आर्ट से तैयार की गयी डाक्युमेंट्री का प्रतिनिधित्व किया

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