रक्षाबंधन- एक पवित्र् बंधन

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Published on : 02 Aug, 17 08:08

लक्ष्मी ने बलि को रक्षा सूत्र् बांधा और पति को लेकर चली गई

रक्षाबंधन- एक पवित्र् बंधन
शिखा अग्रवाल

प्यार से मिला ऐसा बंधन है ये
जिस की करो रक्षा उससे संबंध है ये
ऐसा है ये धागा जो कभी छटा नही’,
ऐसा है ये नाता जो कभी टूटा नही,
भाई से बहन को तोहफा है ये,
बहनों के हक का मौका है ये।
ऐसा है ये रक्षाबंधन का पावन त्यौहार।

रक्षाबंधन का त्यौहार देश के तहत्त्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। भारत व६ार् में तीज त्यौहारों का मेला पूरे व६ार् भर लगा रहता है। ताकि प्रेम-सौहार्द की बेला कायम रहे। उन में रक्षा-बंधन अपने ही सौन्दर्य में रंगा हुआ, एक अनोखा उत्सव है। यह भाई-बहन के एक-दूसरे के प्रति कर्त्तव्य का आभास होता है। सभी त्यौहार सामाजिक व्यवस्था को सुचाक बनाने एवं भावनात्मक दृ६ट से जुडे रहने का सन्दे८ा देते है।
कब मनाया जाता है रक्षाबंधन
राखी का यह पवित्र् त्यौहार सावन के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
पॉरााविक कथा
सभी त्यौहारों की पीछे उसका महत्त्व हिस्सा होता है जो हमें उस त्यौहार का हमारे जीवन में मूल्य तथा महत्त्व बताते हैं।
यह वि६णु भगवान के पावन अवतार के समय की कहानी है। राजा बालि ने अपने बल से पृथ्वी सहित तीन लोकों को जीत लिया। इंद्र देव ने इससे भयभीत होकर भगवान वि६णु को कोई उपाय करने को कहा। वि६णुजी वामन अवतार लेकर राजा बालि के द्वारा पर गये। ब्राह्मण को देखकर राजा बलि ने उनसे कुछ भी मांगने का आग्रह किया तो वामनकपी भगवान वि६णु ने उपंग भूमि माँगी। जिसके बदले में राजा बलि ने कमल देव को आ८ाीर्वाद स्वरूप सदा उनके पास रहने का वचन लिया। वामन देव ने अपने आकार को बठाकर तीन वग में धरती आका८ा और पाताल को अपने अधीन कर दिया और बदले में राजा बलि को खुद को सौप दिया। यह देख माता लक्ष्मी चिंतित हो गई। और उन्होंने सावन की इस पूर्णिमा के दिन राजा बलि को रक्षा सूत्र् बांधा और बदले में अपने पति को लेकर चली गई। इस प्रकार माता लक्ष्मी ने राजा बलि को भाई बनाया और भाई ने बहन की इच्हा पूरी की।
इस तरह की कई कहानियाँ हमारे इतिहास में है जो राखी के इस त्यौहार का महत्त्व बताती हैं।
कैसे मनाते है रक्षाबंधन
सावन की पूर्णिमा को बहनें जल्दी से स्नान कर पूजा करती है। सबसे पहले भगवान को राखी बाँधती है। फिर थाल तैयार की जाती है जिसमें कुमकुम, चावल, दीपक, राखी कमाल , श्री फल एवंम् मि६ढान रखे जाते हैं।
भाई को रूमाल देकर उसके दाहिने हाथ म श्री फल दिया जाता है। श्री फल पर पहले ही कुमकुम एवं चावल लगाया जाता है।
इसके बाद भाई के माथे पर तिलक एवंम् चावल लगाया जाता है। उसके दाहिने हाथ पर राखी बाँधकर उसकी आरती उतारी जाती है।
रक्षाबंधन एक त्यौहार है-
हर तरफ खुशियों की बौछार है-
बंधा एक धागे में
भाई-बहन का प्यार है।

साभार :


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