श्रद्धा और विश्वास से की गई शिव की आराधना सफल होती

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Published on : 27 Jul, 17 20:07

श्रद्धा और विश्वास से की गई शिव की आराधना सफल होती है - अखिलेश्वरी देवी*

श्रद्धा और विश्वास से की गई शिव की आराधना सफल होती
अर्थात भगवान शिव स्वयं विश्वास हैं व माता पार्वती श्रद्धा। शिव की आराधना हम करे लेकिन हमारे मन में श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए तभी शिव की आराधना सफल होगी।

उक्त बात साध्वी अखिलेश्वरी देवी ने पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान के दौरान उदयपुर के भगत तलाई नोरे में स्थित सैकड़ो श्रद्धालुओ के बीच कही, आगे उन्होंने ऋषि मार्कण्डेय की भक्ति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ऋषि मार्कण्डेय भगवान शिव के अनन्य भक्त थे और श्रद्धा व विश्वास के साथ शिवजी की आराधना करते थे। ऋषि मार्कण्डेयजी की मृत्यु के दिन वे भगवान शिव की भक्ति में तल्लीन थे तब यम के दूत उन्हें लेने आये लेकिन शिवजी की आराधना में लीन यम के दूत उन्हें अपने साथ ले जाने में सफल नही हुए तब यमराज को उन्हें लेने धरती पर स्वयं आना पड़ा और मार्कण्डेय जी से यमराज ने अनुरोध किया तब मार्कण्डेयजी ने कहा कि मेरी आराधना पूरी कर लेने दो तो यमराज ने कहा कि मृत्यु किसी का इंतजार नही करती तभी भगवान शिव ने प्रकट होकर यमराज से कहा कि तुम तो काल हो लेकिन जब कोई महाकाल की शरण मे आ जाता हैं तब मृत्यु को भी उसकी प्रतिक्षा करनी पड़ती हैं और बगैर उसकी इच्छा के उसको नही ले जा सकती हैं। तब यमराज ने भगवान शिव से युद्ध किया और हार मानकर उन्हें वहां से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा तभी से भगवान शिव कालो के काल महांकाल कहलाये।

श्रद्धा और विश्वास के साथ कि गई शिव की आराधना व महामृत्युंजय मंत्र के जप से अकाल मृत्यु को टाला जा सकता हैं

उदयपुर में सन्त अखिलेश्वरी देवी के सानिध्य में चल रहे पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान के तीसरा दिन सावन के तीसरे सोमवार को ग्राम सहित आस-पास के सैकड़ो श्रद्धालुओ ने पहुँच कर हिस्सा लिया व सोमवार को 10 जोड़ो द्वारा पार्थिव शिवलिंगों का पूजन-अर्चन कर अभिषेक किया व महाआरती की गयी।

सात दिवसीय चल रहे इस अनुष्ठान में चौथे दिन मंगलवार तक लगभग 75 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा चुका हैं। अंतिम दिन 27जुलाई बुधवार तक 1 लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंग बनाने का लक्ष्य रखा गया व गुरुवार को इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति की जाएगी। उल्लेखनीय हैं कि प्रतिदिन सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक श्रद्धालुओ द्वारा भजन-कीर्तन के साथ पार्थिव शिवलिंग बनाये जा रहे हैं व पश्चात दोपहर 12 से शाम 3 तक पार्थिव शिवलिंगों का पूजन-अर्चन व अभिषेक के बाद शाम 4बजे आरती की जा रही है


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