जिला न्यायिक कर्मचारी संघ का अनिष्चित काल धरना प्रदर्षन

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Published on : 24 Jul, 17 12:07

रविवार को आयोजित कनिश्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा ड्यूटी का बश्हिकार

प्रतापगढ/ राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के आव्हान पर प्रतापगढ जिले भर की अदालतों के न्यायिक कर्मचारियों ने चौथे दिन भी सामूहिक अवकाष पर रहकर आज सवेरे से ही जिला न्यायालय परिसर के सामने धरना स्थल पर धरना दिया।
जिला न्यायिक कर्मचारी संघ के आव्हान पर कर्मचारियों के अनिष्चित कालीन सामूहिक अवकाष पर चलने से विगत तीन दिनों से न्यायालयों में न्यायिक कार्य पूर्ण रूप से ठप्प हुआ तथा पक्षकारों को भारी परेषानियों का सामना करना पडा और केवल मात्र न्यायालयों में नियत मामलों को अगली तारीख पेषी के नोटिस चस्पा किये जा रहे है वहीं आज रविवार के दिन भी जिला मुख्यालय पर सभी कर्मचारी सवेरे से ही धरना स्थल पर आ पहूचें और दिन भर नारे बाजी का दौर चलाया।
न्यायिक कर्मचारियों ने किया कनिश्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा ड्यूटी का पूर्ण बश्हिकार

संधर्श समिति संयोजक विमल मांडावत एवं सह संयोजक-निखिलेष कुमार ने संयुक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेष कार्यकारिणी की माननीय उच्च न्यायालय प्रषासन के साथ हुई वार्ता बेनतीता रहने से प्रदेष कार्यकारिणी के आव्हान पर रविवार को आयोजित कनिश्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा ड्यूटी का संगठन द्वारा पूर्ण रूप से बश्हिकार किया जाकर प्रतापगढ न्यायक्षेत्र के किसी भी कर्मचारी द्वारा परीक्षा डयूटी में उपस्थिति नहीं दी गई तथा धरना स्थल पर जिला मुख्यालय के अलावा धरियावद मुख्यालय के कई कर्मचारी उपस्थित आये।
उन्होने जानकारी देत हुए बताया कि उच्च न्यायालय प्रषासन से हुई वार्ता बेनतीजा रहने से कर्मचारियों का आंदोलन अपनी मांगे पूर्ण होने तक पूर्ववर्त यथावत चलता रहेगा।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेष की पालना हेतु कर्मचारियों का चल रहा आंदोलन
जिला न्यायिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय खाण्डिया ने प्रेस संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेषानुसार षेटठी आयोग की सिफारिषों को वर्श २००३ से लागू किये जाने हेतु समस्त उच्च न्यायालयों का आदेषित किया गया किन्तु राजस्थान उच्च न्यायालय के सिफारिषों को लागू करने में विफल रहने से फरवरी २०१६ में भी कर्मचारीगण नौ दिन सामूहिक अवकाष पर रहे थे तथा राजस्थान उच्च न्यायालय प्रषासन के आष्वासन पर अपना आन्दोलन स्थगित किया था परन्तु करीब १६ माह में प्रदेष कार्यकारिणी द्वारा बार-बार निवेदन किये जाने पर भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेष की पालना नहीं होने से कर्मचारीयों ने पुनः आन्दोलन की राह पकडी।
जिलाध्यक्ष-विजय खाण्डिया ने संघ की ओर से माननीय उच्च न्यायालय प्रषासन एवं राज्य सरकार से अपील करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा षेटठी आयोग की सिफारिषें लागू किये जाने हेतु पारित आदेष की पालना की मांग की।










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