राजस्थान पहला राज्य जहां विश्वविद्यालयों को स्मार्ट सिटी योजना से जोडा जायेगा

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Published on : 20 Jul, 17 08:07

समारोह में ३६ हजार ६९८ विद्यार्थियों को मिली उपाधि, २४ को स्वर्ण पदक

राजस्थान पहला राज्य जहां विश्वविद्यालयों को स्मार्ट सिटी योजना से जोडा जायेगा के डी अब्बासी
कोटा । राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के सातवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि कोटा के सभी चारों विश्वविद्यालय स्मार्ट सिटी की कामयाबी में अपनी भूमिका निभाते हुए मिशन की सफलता में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले और ध्वजवाहक की भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि ’’यह सम्मान एवं गौरवत की बात है कि कोटा को भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया है।

राज्यपाल बुधवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आयोजित आरटीयू के सातवें दीक्षांत समारोह में दीक्षार्थियों को पदक एवं डिग्रियां प्रदान करने के उपरान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तद्नुरूप तकनीकी ज्ञान एवं मानवीय संसाधन कोटावासियों को उपलब्ध करावें। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप शोध आधारित तकनीक एवं ज्ञान, इम्पलिमेन्टिग एजेन्सीज को उपलब्ध करायें ताकि सरलता, सुगमता एवं समयशीलता के अंतर्गत स्मार्ट सिटी के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्मार्ट एनर्जी, स्मार्ट एन्वायरमेन्ट, स्मार्ट एज्यूकेशन, स्मार्ट हैल्थ केयर, स्मार्ट बिल्डिंग, स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन, स्मार्ट आई.टी. एवं कम्यूनिकेशन जैसे सात क्षेत्रों में कोटा तकनीकी विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति इस चुनौती को स्वीकार करते हुए स्मार्ट सिटी योजना क्रियान्वयन में प्रशासन को अपना सार्थक व प्रासंगिक ज्ञान एवं तकनीकी विशेष रूप से उपलब्ध करावें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को स्मार्ट एज्यूकेशन, स्मार्ट हैल्थकेयर को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने व वातावरण सृजन करने का कार्य हाथ में लेने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में गांवों को गोद लेकर स्मार्ट विलेज बनाने की योजना पहले से चलायी जा रही है। उस अनुभव को वे स्मार्ट सिटी योजना के क्रियान्वयन में इस्तेमाल करें तथा प्रत्येक विश्वविद्यालय में स्मार्ट सिटी प्रकोष्ठ का गठन कर सकि्रय सहयोग दें।

दीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे भविष्य के निर्माता हैं। व्यवहारिक जीवन में अनेक कठिनाईयां आयेंगी, कभी निराश नहीं हों, महापुरूषों की जीवनी से शिक्षा लेकर आगे बढें। युवा शक्ति एवं तकनीकी की बदौलत आज देश सीना तानकर खडा है। देश-दुनियां में हमें भारत को शिक्षा व तकनीकी के क्षेत्र में विश्व शक्ति के रूप में खडा करना होगा। उन्होंने युवाओं को अनुशासन के साथ देश-दुनियां में परिवर्तन का संवाहक बनने का आह्वान किया।

उच्च तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि देश की प्रगति में इंजीनियर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे जहां भी कार्य करें पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ देश के विकास में भागीदार बनें।

समारोह में सत्र २०१६ में उत्तीर्ण ३६ हजार ६९८ विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई जिसमें ३३ हजार २५४ बीटेक, १८१ बी.आर्क, ४० होटल मैनेजमेन्ट, ६३३ एमटेक के, १६०७ एमबीए, ९७२ एमसीए एवं ६ एम.आर्क के विद्यार्थी शामिल हैं। समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक एमबीए की छात्रा निधि अग्रवाल तथा बीटेक की सभी ब्रांचों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र हर्षित कुमार वैष्णव को कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। बीटेक पाठ्यक्रम में १८, बी.आर्क में २, एमबीए व एमसीए में एक-एक गोल्ड मेडल दिया गया। पांच छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।

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