अनसुलझे प्रकरणों की गांठ खोलकर रिश्तों की गांठ बांध रहे है राजस्व शिविर- छाया चौबीसा

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Published on : 18 Jul, 17 17:07

डूंगरपुर, जनजाति जिले डूंगरपुर में राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार 2017 अभियान अनेक लोगों के लिए वरदान साबित हुआ जिसमें कई सालों से अनसुलझे प्रकरणों से बंधी गांठ को खोलकर ये शिविर रिश्तों की गांठ बांधन में कामयाब रहें।
सालों के विवादित प्रकरणों के कारण मनमुटाव होना और फिर रिश्तों में दरार आना स्वाभाविक है । ऐसे में ये राजस्व शिविर ऐसे प्रकरणों का आपसी समझाईश द्वारा निस्तारण कर समाधान का केन्द्र तो बने ही है साथ ही बढ़ते मनमुटाव को दूर कर रिश्तों एवं मानवीय संवेदनाओं को भी नवजीवन प्रदान कर रहे है।
जिले में चले राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार 2017 में ऐसे कई जटिल प्रकरणों को सुलझते देखा गया है। ऐसा ही प्रकरण सागवाडा तहसील के बरबोदनिया पंचायत में आयोजित राजस्व शिविर के दौरान आया जिसमें 54 खसरो की 70 बीघा जमीन का बडा ही जटिल प्रकरण कई सालों से अनसुलझा था जिसके कारण वादी और परिवादी सभीजन परेशान हो रहे थे।
शिविर में पहुंचने पर शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी गोपालसिंह शेखावत ने तहसीलदार सुबोधसिंह चारण से पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक जानकारी ली। वादी-प्रतिवादी के तर्को एवं तकनीकी पेचदगियों की जटिलता से अनसुलझे इस प्रकरण को सुलझाने में बड़ी समस्या आ रही थी।
शिविर में सभी संबंधित खातेदारों में से प्रत्येक की बात को पूरी तसल्ली के साथ शिविर अधिकारियों द्वारा सुना गया। अपने मन की बात को पूरी तरह बयान करने से हल्के हुए प्रार्थियों के मन कलुषता से रिक्त होने पर अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा संवेदनाओं की समझाईश को ग्र्रहण करने में कामयाब रहे। रिश्तों को बनाने और पीढि़यो तक निभाने की ये समझाईश आखिर काम आई और प्रस्तुत प्रकरण में सेटलमेंटी तीन खातों के 54 खसरो में विस्तृत 70 बीघा जमीन के खातेदारों कुबेरलाल, महेन्द्रकुमार, प्राणशंकर, हेतलाल, विष्णुचरण, ललितकुमार के बीच बंटवारा किया गया।
बरसों से अत्यन्त ही जटिल इस अनसुलझे प्रकरण के सुलझने से सभी खातेदारों ने राहत की सांस ली तथा राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए गए राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान की भी भरपूर सराहना की । सभी लाभार्थियों ने अपने ही गांव में बैठकर इस प्रकरण के निस्तारित होने पर प्रसन्न होकर समेकित स्वर में कहा कि इस शिविर से हमें न्यायालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल ही गई और समस्या का निस्तारण भी आसान हो गया। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
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