कम लागत का कृशि यंत्रो के विकास की आवष्यकता

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Published on : 12 Jul, 17 06:07

एमपीयूएटी मे उच्च स्तरीय मुल्यांकन समिति का दौरा

कम लागत का कृशि यंत्रो के विकास की आवष्यकता उदयपुर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अभियान्त्रिकी महाविद्यालय में संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं के मूल्यांकन हेतु भारतीय कृशि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा गठित क्यूआरटी कमेटी ने अपने दौरे के दूसरे दिन सीटीआई के विभिन्न विभागों एवं गांवों का दौरा किया।

आईसीएआर नोडल अधिकारी एवं क्यूआरटी मूल्यांकन के समन्वयक डॉ. अभय कुमार मेहता ने बताया कि मंगलवार को मुल्यांकन समिति के पांच सदस्यीय दल ने प्रो. गजेन्द्र सिंह, पूर्व कुलपति एवं उपमहानिदेशक (कृषि अभियान्त्रिकी), आईसीएआर की अध्यक्षता मे सर्वप्रथम सीटीआई के विभिन्न विभागों एवं परियोजनाओं के तहत् विकसित विभिन्न तकनीकों एवं मशीनों का अवलोकन किया।

क्यूआरटी दल ने सीटीआई में विकसित संवेदक आधारित परिवर्तन दर के स्प्रेयअर, पौध रोपण व्यवस्था युक्त मल्चिंग मशीन, पेडल चालित मक्का छीलक यंत्र, पेड से नांरगी तोडने की मशीन एवं फार्म मशीनरी विभाग और नविकरणीय ऊर्जा विभाग में विकसित अन्य तकनीकों एवं यंत्रों की सराहना की। दल ने विद्युत अभियांत्रिकी विभाग मे स्थापित सोलर पावर प्लाँट का भी अवलोकन किया।

बाद मे दल ने रेलमगरा के मदारा गांव में किसान प्रक्षेत्र पर उपयोग मे लिए जा रहे कृषि यंत्रों का अवलोकन किया एवं उन्हे काम मे ले रहे किसानों से भी बातचीत की। किसानों ने मक्का की फसल मे निराई गुडाई के लिये शक्ति चालित यंत्र के विकास का आवश्यकता बताई। दोपहर के बाद दल ने मादडी इण्डस्ट्रिीयल एरिया मे स्थानीय रूप से विकसित कृषि यंत्रों के व्यावसायिक निर्माताओं मै. कल्पना एन्टरप्राइजेज एवं जैन इंजिनियरिंग का भी दौरा किया।


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