गोष्ठी में नशा छोड़ने की सीख

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Published on : 27 Jun, 17 13:06

प्रतापगढ़/ जिलाअस्पताल के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र पर सोमवार को विश्व नशा मुक्ति दिवस मनाया गया। जिसमें एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों भाग लिया। इस अवसर पर नशे होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया। रोज सिर्फ पचास रुपए की नशे की लत में खर्च करने वाला व्यक्ति साल भर के 18 हजार रुपए बे-वजह बिगाड़ देता हैं। इतने ही रुपए उस नशे से उपजी बीमारी के इलाज में खर्च हो जाते है। यानि की सालभर में 36 हजार रुपए नशे में खर्च इस महंगाई में नासूर साबित हो रहा है। गोष्ठी में नर्सिंग ट्यूटर दुष्यंत चौमपुरा, पीसीपीएनडीटी समन्वयक संदीप शर्मा, आईईसी कोर्डिनेटर अविनाश प्रताप सिंह, डीएनओ राजकुमार शर्मा के साथ ही एएनएन का प्रशिक्षण ले रही छात्राएं स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुई। पीसीपीएनडीटी समन्वयक संदीप शर्मा ने नशा मुक्ति परामर्श केंद्र एवं चिकित्सा विभाग के द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं की जानकारी दी। जिसमें टोल फ्री नंबर 104 आदि पर निशुल्क परामर्श मिलने की जानकारी दी। गोष्ठी में जिला आईईसी समन्वयक अविनाश प्रताप सिंह ने शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तंबाकू और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों का उपयोग शरीर पर नुकसान एवं आर्थिक नुकसान पर चर्चा की। वहीं डीएनओ राजकुमार शर्मा ने नशे करने वाले व्यक्ति की सामाजिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है
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