कर्ज-मुत्ति और डाोढ़ेदाम के लिए किसान संगठनों का देशव्यापी अभियान

( 9607 बार पढ़ी गयी)
Published on : 27 Jun, 17 09:06

नईं दिल्ली। मंदसौर में किसानों पर गोली कांड का एक महीना पूरा होने पर देश के लगभग 200 किसान संगठन किसान मुत्ति यात्रा का आयोजन करेंगे। यह मार्च 6 जुलाईं को मंदसौर से शुरू होकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होते हुए 18 जुलाईं को दिल्ली पंहुचेगा। रास्ते में यह यात्रा बार दोली और खेड़ा जैसेकिसान आंदोलन के ऐतिहासिकस्थलों पर भी जायेगा।दिल्ली पंहुचकर यह मार्च जंतर मंतर पर एक मोच्रे का स्वरुप ले लेगा।यह अभियान तब तक चलेगा जब तक कर्ज मुत्ति और लागतसे डाोढ़ा दाम की मांगे पूरी न हो जाएँ।

यह ऐतिहासिकयात्राऔर मोर्चा दोनोंअखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयसमिति के तत्वावधान में चलाये जायेंगे। मंदसौर गोलीकांड के बाद देश के सभी किसान आंदोलनों को एकजुट करने के उद्देश्य से 16 जून को दिल्ली मेंबने इस मंच में अब तक लगभग 200 किसान संगठन और समन्वय जुड़ गए हैं। समिति के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुएसंयोजक वी एम सिह ने कहा ’’इसमंच का पहला काम आजदेश भर में उभरेकिसान विद्रोह को मजबूत करनाऔर उसेस्पष्ट दिशा देनाहै। देश भर के किसान आंदोलन के दो सर्वमान्य और तात्कालिकमुद्दे हैं: लाभकारी मूल्य और कर्ज-मुत्ति। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिती इन दो मांगो को लेकर आरपार के संग्राम के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाएगी। यह आंदोलन सामूहिक नेतृत्व,लोकतांत्रिक पद्धतिऔर अहिसा के आधार पर चलाया जायेगा।’’ देश भर के किसान आंदोलन का यह समन्वय एक ऐतिहासिकघड़ीमें बना है।आजकिसान विद्रोह पर उतर आया है। महाराष्ट्र के किसानों की अभूतपूर्व हड़ताल और मंदसौर के किसानों की शहादत ने किसान आंदोलन को एक नयी ऊर्जा दी है।देश के कोने-कोने में किसान और उनके स्थानीय संगठन अपनी बुनियादी मांगों को लेकर अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान की ताकत की एक झलक भर से सरकारें, परटियां और मीडिया सब किसान के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर हुए हैं। यह किसानविद्रोह देश के किसान के जीवन में बुनियादी परिवर्तन ला सके इसके लिए यह अनिवार्यं है कि किसान की बिखरी शत्ति को एक सूत्र में बाँधा जाय, एक देशव्यापी किसान आंदोलनकी व्यवस्थित तैयारी की जाय और इस आंदोलन की दिशा स्पष्ट हो। आज अवसर है देश भर के किसान आंदोलनों को एक मंच पर आकर किसान के बुनियादी मुद्दों के लिए संघर्ष करने और सत्ताधारी परटियों को मजबूर करने का इस जिम्मेवारी को स्वीकार करते हुएअखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयसमिति नेकिसानों और किसान संगठनो का आव्हान कियाहै: घाटा मुत्त खेती, कर्जमुत्त किसान, जहर मुत्त भोजन, आत्महत्या मुत्त भारत।यह आंदोलन देश भर के किसानों की दो सर्वमान्य मांगों पर वेंद्रित होगा।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.