मूत्राशय से निकाली 6.4 सेंन्टीमीटर की पथरी

( 10162 बार पढ़ी गयी)
Published on : 14 Jun, 17 21:06

पीआईएमएस के चेयमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि मनुष्य की संरचना बडी विचित्र है। उसके शरीर में कब क्या कुछ अवांछित घटित हो जाता है, कुछ पता नहीं लगता है। कई बार मरीज असह्य पीडा से गुजरता हुआ किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाता।

मूत्राशय से निकाली 6.4 सेंन्टीमीटर की पथरी उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्ययूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (पीआईएमएस) हॉस्पिटल, उमरडा में चिकित्सकों ने एक युवक के मूत्राशय से 6.4 सेंटीमीटर की पथरी निकाली है।
पीआईएमएस के चेयमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि मनुष्य की संरचना बडी विचित्र है। उसके शरीर में कब क्या कुछ अवांछित घटित हो जाता है, कुछ पता नहीं लगता है। कई बार मरीज असह्य पीडा से गुजरता हुआ किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाता। घरेलू परिस्थितियां भी ऐसी नहीं होती कि व्यक्ति हर बीमारी के लिए डाक्टर की शरण ले। ऐसा ही कुछ मंदसौर निवासी 28 वर्षीय नानालाल के साथ घटित हुआ। प्रारंभ में तो उसे पता ही नहीं चला कि उसके मूत्राशय में कहीं कोई बडी गडबडी है। जब उसकी पीडा असह्य होने लगी तो उसने अभिभावकों को अपनी बीमारी के बारे में बताया। इस पर नानालाल के परिजनों ने अडक इलाज करवाया किंतु कोई राहत नहीं मिली। फलस्वरूप वे इसे गत दिनों पीआईएमएस हॉस्पिटल में लेकर आये। यहां यूरोलोजिस्ट डॉ. विकास गुप्ता ने मरीज जांच की तो उन्हें पथरी की बीमारी हाथ लगी।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि पथरी का यह रोग नानालाल को बहुत पहले से है किंतु किन्हीं कारणों से वह उसे दबाता रहा। अंत में जब उससे रहा नहीं गया तो उसके परिजन उसे लेकर पीआईएमएस आए। यहां जांच में पाया गया कि उसके मूत्राशय में सामान्य पथरी नहीं बल्कि एक पत्थनुमा गेंद के आकार का स्वरूप बन गया है जिससे उसे भारी याताना से गुजरना पड रहा है। डॉ. गुप्ता ने बडी बारीकी से नानालाल का तत्काल ऑपरेशन कर गेंद के आकार की 6.4 सेंटीमीटर की पथरी निकली। इससे नानालाल को काफी राहत मिली और कुछ ही दिनों में वह पूर्णतः स्वस्थ कर दिया गया।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.