जीवन जीने की कला सिखाते हैं शिविर ः परिमलप्रज्ञा

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Published on : 25 May, 17 09:05

बालकों का राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर

जीवन जीने की कला सिखाते हैं शिविर ः परिमलप्रज्ञा उदयपुर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में तेरापंथ सभा उदयपुर द्वारा १३ से १९ वर्ष तक के बालकों का मेवाड स्तरीय राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर समणी परिमलप्रज्ञाजी के सानिध्य में प्रज्ञा शिखर, महाप्रज्ञ विहार में प्रारम्भ हुआ।
समणी परिमलप्रज्ञा के नमस्कार महामंत्रोचार से पांच दिवसीय शिविर की औपचारिक शुरुआत हुई। समणी परिमलप्रज्ञा ने उद्धघाटन समारोह में कहा कि हमें ये शिविर जीवन जीने की कला सिखाते हैं। हर परिस्थिति के अनुरूप अपने आपको ढालना सिखाते हैं। लक्ष्य निर्धारण, समय प्रबन्धन, तनाव प्रबन्धन, कार्यक्षमता का विकास, व्यक्तित्व विकास आदि मुख्य विषयों को लेकर यहाँ पर बालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उदघाटन सत्र को शिविर केन्द्रीय संयोजक राजकुमार फत्तावत, सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता, युवक परिषद अध्यक्ष राकेश नाहर, महिला मण्डल अध्यक्षा चन्द्रा बोहरा, ज्ञानशाला मुख्य प्रशिक्षिका सुनीता बेंगानी ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए आदर्श नागरिक बनने की प्रेरणा दी। उदघाटन सत्र का संचालन शिविर स्थानीय संयोजक सुबोध दुगड ने किया। मंगलाचरण दीपक मेहता ने एवं आभार की रस्म सभा मंत्री श्री राजेन्द्र बाबेल ने व्यक्त की।

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