राजस्थान में बने जैविक खेती का माहोल - वसुन्धरा राजे

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Published on : 24 May, 17 16:05

राजस्थान में बने जैविक खेती का माहोल - वसुन्धरा राजे कोटा । कोटा संभाग के काष्तकारो एवं पषुपालकों को आधुनिक तकनीक से अवगत कराने तथा उनके उत्पादों में मूल्य संवर्धन करने की दृश्टि से कोटा में आज से तीन दिवसीय ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट प्रारंभ हुआ। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में विभिन्न स्तरों पर सेमिनार आयोजित किये जायेंगे। उम्मीद है कि कृशि एवं उद्यानिकी क्षेत्र में नई संभावनाओं के दृश्टिगत करीब एक हजार करोड रूपये के एमओयू हस्ताक्षर होंगे।
राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमति वसुन्धरा राजे ने उद्घाटन समारोह में सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में किसानों को आगे आकर जैविक खेती तथा खेतों पर प्रोसेसिंग युनिट लगाने के लिए वातावरण बनाने की पहल करनी होगी। उन्होंने जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जलसंरक्षण की संरचनाओं के चारों ओर वृक्षारोपन करने का भी आव्हान किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से राजस्थान सरकार किसानों की हर प्रकार की सहायता, उनका उत्पादन बढाने तथा तकनिकी से जोडने का पूरा प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में जैतून की खेती, खजूर की खेती, औशधीय फसलों को बढावा देने के नवाचारों की चर्चा करते हुए कहा कि आज राजस्थान उद्यानिकी के क्षेत्र में कदम बढा रहा है। उन्होंने बताया कि खेत पर प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने पर सरकार ५० प्रतिषत अनुदान दे रही हैं। उन्होंने किसानों को सिंगल विण्डों पर सभी प्रकार की सुविधायें प्राप्त होने के लिए प्रारंभ किये एप और पोर्टल की जानकारी भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा परिक्षेत्र में खेती के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए कई सिंचाई परियोजनाएं संचालित की गई है। सरकार ने कृशि कार्य के दौरान घायल अथवा मृतक काष्तकार व खेतीहर मजदूर को दिये जाने वाले मुआवजे को भी दुगुना किया है। फसल खराबा में किसानों को आठ हजार करोड रूपये की सहायता उपलब्ध कराई गई है। सहकारी से ऋण लेने के ब्याज को १४ प्रतिषत से घटाकर ७.१ प्रतिषत किया गया है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय षहरी विकास, आवासन एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वैंकया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रयास है कि किसानों की खेती को लाभदायक बनाये जाये और उनकी आमदनी को वर्श २०२२ तक दुगुना किया जाये। उन्होंने कहा कि किये जा रहे प्रयासों के तहत राजस्थान में अच्छा काम हो रहा है और राजस्थान एक मॉडल राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने कृशि में बदलाव, मूल्यसंवर्धन, कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजेषन वाहन, सडक तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं पर बल देते हुए कहा कि इन सुविधाओं से ही कृशि और कृशक का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि किसान के लडके किसानी से विमुख नहीं हो।
समारोह में राज्य के कृशि मंत्री प्रभुलाल सैनी भी मंचासीन थे। समारोह में आयोजन पार्टनर फिकी के प्रतिनिधी, क्षेत्र के स्थानीय सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधी, संबंधित विभागों के राज्य स्तरीय एवं स्थानीय अधिकारी वरिश्ठ अधिकारी, विषेशज्ञ, काष्तकार एवं पत्रकार मौजूद रहे।
डीपीआर ने संभाला मोर्चा
समारोह के प्रचार प्रसार के लिए राज्य के सूचना एवं जनसम्फ विभाग के आला अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। विभाग के निदेषक श्रीमति अनुप्रेरणा सिंह, अतिरिक्त निदेषक प्रेम प्रकाष त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। सरकार के प्रचार साहित्य का वितरण भी किया गया।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर १६ में इस प्रकार का प्रथम आयोजन जयपुर में हुआ था जिसमें ४४०० करोड रूपये के ३८ एमओयू किये गये थे। इनमें से करीब २५ एमओयू पर कार्य षुरू कर दिया गया है। कोटा संभाग सोयाबीन, धनियां, संतरा एवं लहसून उत्पादन में राज्य में पहले स्थान पर है। यहां ग्वार, सरसों, सौफ, धनियां, ईसबगोल जैसी फसलों के उत्पादन में पहले या दूसरे स्थान पर है। यहां मधुमक्खी पालन में रूची लेने से कोटा षहद उत्पादन में आगे आ गया है।

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