बहुत सारी बीमारियों का इलाज करेगा ‘बोटॉक्स’

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Published on : 14 May, 17 08:05

बहुत सारी बीमारियों का इलाज करेगा ‘बोटॉक्स’ श्रीमति शिखा अग्रवाल - लेखक एवं पत्र्कार, भीलवाडा.भूल जाइए झुर्रियां, अब जादुई दवा बोटॉक्स का उपयोग दिल की बीमारी, कमर दर्द, माइग्रेन, अवसाद, आंखों के फडकने सहित कई बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है। कुछ लोग इसे चमत्कारिक दवा मानते--- कुछ कहते हैं कि इससे जुडे अज्ञात खतरों से सावधानी जरूरी है।
डॉक्टर जार्मन रोसेनथाल के एक मरीज ने उनसे कहा कि वह आत्महत्या का विचार कर रहा है। अमेरिका में प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टर रोसेनथाल ने मरीज से कहा कि मैं सोचता हूं कि तुम्हें बोटॉक्स लेना चाहिए। मनोविज्ञान के चिकित्सकों ने एक अध्ययन में बताया कि गंभीर अवसाद से पीडत लोगों को जब बोटॉक्स दी गई तो कुछ ही दिनों बाद उनकी स्थिति उन मरीजों से बहुत अच्छी थी, जो प्लेस्बो इंजेक्८ान ले रहे थे। अवसाद के मामले में बोटॉक्स को वि८ोषज्ञों ने अत्यंत असरकारक पाया है।
अमेरिकी खाद्य और दवा प्र८ाासन ने अभी अवसाद के लिए बोटॉक्स को मंजूरी नहीं दी है, लेकिन डॉक्टर इस दवा को लिख रहे ह। इसे वहां गैर कानूनी नहीं माना जाता है। ७ारीर और चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति दिलाने वाली जादुई दवा के रूप में बोटॉक्स सामने आई है। जरूरत से ज्यादा पसीना आने, माइग्रेन, हाथ ठंडे पडने, बार-बार टॉयलेट जाने और दिल की सर्जरी के बाद होने वाली समस्याओं जैसी स्थिति में बोटॉक्स प्रभावकारी मानी गई है।
बोटॉक्स एक न्यूरोटॉक्सिन है, जिसमें क्लॉक्ट्रिडियम बोटुलिजिम बैक्टिरिया से निकाला जाता है। प्रदूषित भोजन में पाए जाने वाला बैक्टिरिया शरीर की प्रमुख मांसपेशियों में जाकर लकवा और मौत का कारण बन सकता है, लेकिन जब ७ारीर के किसी हिस्से में उसकी छोटी डोज दी जाए तो वह नर्वस और मसल्स के बीच संकेतों को रोककर मांसपे८ायों को लचीला बनता है। इस प्रभाव से झुर्रियां खत्म हो जाती हैं। बोटॉक्स से मांसपेशियों की सिकुडन रूक सकती है। फार्मा कंपनी एलर्जेन द्वारा निर्मित की जाने वाली बोटॉक्स की वर्ष 2015 में विश्व में 165 अरब रूपये से अधिक की बिक्री हुई थी। आधे से ज्यादा हिस्सा सौन्दर्य प्रसाधन के उपयोग में आया।
इस दवा में जहां असाधारण क्षमता है, वहीं कुछ खतरे भी हैं। वि८ोषज्ञ सहमत हैं कि अधिकृत डॉक्टर की सिफारि८ा पर ही बोटॉक्स की कम मात्र सुरक्षित है। हर मामले में इसका उपयोग सुरक्षित नहीं है। वर्ष 1970 में नेत्र् रोग वि८ोशज्ञ डॉ. एलन स्कॉर्ट ने आंखों में भैंगेपन के इलाज के लिए इसका उपयोग ७ाुरू किया। स्कॉर्ट ने दवा का नाम ओकुलिनम रखा और वर्ष 1978 में इस नाम से कंपनी बनाई। दो वर्ष बाद एलर्जेन ने इस कंपनी को खरीद लिया और दवा का नाम बदलकर बोटॉक्स रखा।
बोटॉक्स का उपयोग आंखों का भैंगापन, गले में खिंचाव, ज्यादा पसीना आना, माइग्रेन, हाथ-पैरों का कमजोर पडना, चेहरे पर झुर्रियां, पेशाब ज्यादा आना, जबडों का ना खुलना, हाथ ठंडे पडना, दांतों की सफाई, कमर दर्द, पर्किन्ग्सं मानसिक तनाव एवं चेहरे व होठों में विकृति के लिए उपयोगी माना गया है।


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