कौशल विकास से महिलाओं की उन्नति संभव - प्रो. सारंगदेवात

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Published on : 27 Apr, 17 08:04

परिवार में एक महिला के कौशल विकास से घर की उन्नति में परिवर्तन होता हे। ज्ञान किसी भी रूप में प्राप्त किया जा सकता है। प्रत्येक महिला में दक्षता हासिल करने की शक्ति होती हैं।

कौशल विकास से महिलाओं की उन्नति संभव - प्रो. सारंगदेवात उदयपुर परिवार में एक महिला के कौशल विकास से घर की उन्नति में परिवर्तन होता हे। ज्ञान किसी भी रूप में प्राप्त किया जा सकता है। प्रत्येक महिला में दक्षता हासिल करने की शक्ति होती हैं। परिवार की एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है, ज्ञान की इस गंगा को अपने जीवन में निरंतर जारी रखे। ज्ञान किसी भी रूप में प्राप्त की जा सकती है। महिलाओं केा किसी न किसी क्षेत्र में अपनी दक्षता हासिल करनी होगी जिससे अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण बिना किसी आश्रित के कर सके। पढने एवं सीखने की कोई उम्र नहीं होती है उसे किसी भी उम्र में सीखा जा सकता है उक्त विचार मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक जनशिक्षण विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित विजया मॉ महिला मंगल भारती सामुदायिक केन्द्र बेदला एवं समग्र सहकारी विकास परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के लिए आयोजित दो दिवसीय स्कील डवलपमेट शिविर के समापन पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कही। प्रारंभ में प्रभारी डॉ. धमेन्द्र राजोरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए दो दिवसीय शिविर की जानकारी दी। मुख्य अतिथि सेन्ट्रल बैंक के एम.डी. डॉ. अश्विनी वशिष्ठ ने कहा कि महिलाए सरकार द्वारा उनके लिए जारी की जाने वाली योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाये। उन्होने कहा कि महिलाए समूह या व्यक्तिगत किसी भी रोजगार को षरू करने के लिए महिलाए ऋण ले सकती है और सरकार द्वारा उस पर सबसिडी भी दी जा जाती है। समारोह में विशिष्ठ अतिथि आईसीडीपी के महाप्रबंधक शंकर लाल डामोर, विकास अधिकारी सोनिया कसेरा, अध्यक्ष निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन चितरंजन नागदा ने किया जबकि धन्यवाद मीना नेभीनानी ने दिया। शिविर में दो दिवसीय शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। संयोजक मीना नेभनानी ने बताया कि दो दिवसीय शिविर में प्रशिक्षक बाल कृष्ण शुक्ला ने ग्रामीण महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जिसमें महिलाओं से सम्बंधित सिलाई कार्य, ब्यूटी पार्लर, अमृतधारा की गोलिया बनाना, बंधेज, स्टेनसिल प्रिंट, दुपट्टा बनाना एवं विभिन्न प्रकार के अचार बनाना सिखाया जिससे महिलाएं आत्म निर्भर बन सकें। पुस्तक विमोचन ः- शिविर में जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय द्वारा प्रकाशित समाज शिक्षण का कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, डॉ. अश्विनी वशिष्ठ, डॉ. मंजू मांडोत, विकास अधिकारी सोनिया कसेरा ने विमोचन किया।

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