तीन दिवसीय विशाल निःशुल्क फिजयोथेरेपी शिविर

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Published on : 26 Apr, 17 10:04


चिकित्सा विभाग क ओर से २५ अप्रैल से २७ अप्रैल तक तीन दिवसीय निःशुल्क फिजियोथैरेपी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। निःशुल्क फिजियोथैरेपी ३ दिवसीय शिविर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिला चिकित्सालय चॉदपोल एवं हिरणमगरी व चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गोगुन्दा, सराडा, सलूम्बर, मावली, भीण्डर, बडगॉव में प्रातः ८ बजे से दोपहर ३ बजे तक आयोजित किए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव टांक ने बताया कि उदयपुर के जिला अस्पताल चांदपोल व हिरणमगरी सेक्टर ०६ व चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोगुन्दा, सराडा, सलुम्बर, मावली, भीण्डर, बडगॉव में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय निशुल्क फिजियोथैरेपी शिविरों में अनुभवी फिजियोथैरेपीस्ट के द्वारा मरीजों की निःशुल्क जांच एवं उपचार किया जाएगा, साथ ही आयुष चिकित्सकों द्वारा योगासन भी करवाया जायेगा। विभाग की ओर से तीन दिवसीय फिजियोथैरेपी शिविर में आमजन को इसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो इसके लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अपिल की गई है कि वे इस शिविर में पधारकर फिजियोथेरेपी चिकित्सा का लाभ उठायें। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ, राघवेन्द्र राय ने बताया कि २५ अप्रैल से २७ अप्रैल तक जिले से चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जिले से भिजवाई गई टीमों द्वारा निःशुल्क फिजियोथैरेपी शिविर में परामर्श एवं उपचार दिया जायेगा तथा फिजियोथैरेपी के माध्यम से ईलाज किया जायेगा। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि फिजियोर्थरेपी चिकित्सा का मुख्य उद्वेश्य रोगों का बिना दवाईयों के ईलाज करना है। इसके द्वारा ईलाज करवाने से व नियमित व्यायाम करने से शरीर में व्याप्त कई विभिन्न तरह के रोगों से बिना दवाईयों के आराम पाया जा सकता है।
इन रोगों का होगा उपचार
सवेरे ८ बजे से दोपहर ३ बजे तक आयोजित होने वाले शिविरों में फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा गर्दन, कमर, जोडो, कोहनी, ऐडी, मान्सपेसियां, पुरानी चोट का दर्द, गठिया अस्थी रोगों के ऑपरेशन के बाद के विकार, मह का टेडापन, सुन्नपन, चिकनगुनिया के बाद जोडो का दर्द, बच्चों का समय पर विकास नहीं होना,, आदि से सम्बन्धित चिकित्सा सुविधाओं का लाभ सभी आमजन ले सकते है।
साथ ही इन शिविरों में आमजन को असंक्रामक बिमारियों जैसे डायबिटिज, हद्रयरोग, पक्षाघात एवं तनाव से होने वाली जटिलताओं में कमी लाने के लिए परामर्श दिया जाएगा।

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