भारत में निर्मित आयॉन ऑटोमोबाइल बेटरीज ने नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्शित किया

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Published on : 22 Apr, 17 08:04

-इलेक्ट्राॅनिक वाहन उद्योग के लिए वाह-वाह

भारत में निर्मित आयॉन ऑटोमोबाइल बेटरीज ने नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्शित किया नई दिल्ली | निजी क्षेत्र सहित अन्य कम्पनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम बैटरी के लिए टेक्नोलॉजी की खोज की इजाजत दिए जाने के साथ ही सरकार का ध्यान इस ओर आकर्शित हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहले से ही सरकार को इस प्रकार के अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित किया था, जो कि अब एक एजेंडा के रूप में एक व्यवस्थित और सरल तरीके के सामने आने जा रहा है।
इस कदम को ऑटोमोबाइल कम्पनीज, बेटरी निर्माताओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। कतिपय कम्पनियों ने स्वदेषी लिथिमय ऑयन बेटरी निर्माण के लिए अपना प्राथमिक रुझान प्रदर्षित किया है तथा वे पहले से ही इसरो तक अपनी पहुंच बना चुकी हैं।
सरकार की खोज से पता चला है कि लिथियम ऑयन बेटरीज का काफी कम खर्च में अधिक मात्रा इनका निर्माण संभव है। अब इसकी थोक खरीद और उत्पादन से इसकी लागत को करीब ८० प्रतिषत तक कम किया जा सकता है, जिसका प्रभावी असर इसकी मांग को पूरा करने में सहायक होगा। अभी तक इस प्रकार की सभी लिथियम ऑयन बेटरीज का निर्यात किया जा रहा था और इसकी कीमतें भी काफी अधिक रहती थी। इस प्रकार की बेटरीज उच्च षक्ति की होती हैं, परन्तु इन बेटरीज पारम्परिक बैटरीज की तुलना में वजन और मात्रा के साथ मेल नहीं खाती थी।
सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए भारत के षीर्श इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता लोहिया ऑटो इण्डस्ट्रीज के सीईओ आयुश लोहिया ने कहा कि ’’ हमें आषा है कि हम लिथियम ऑयन बेटरीज की घरेलू निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को पर्याप्त आपूर्ति कर सकेंगे, जिससे इस उद्योग को बहुत बडा सहारा मिल सकेगा। बदलते परिवेष और स्वदेषी उत्पादन के चलते इलेक्ट्रिक वाहन और अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर मिल सकेंगे तथा इनकी आगे की मांगों को पूरा करने में मदद मिल सकेगी।’’
श्री लोहिया ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि ’’इलेक्ट्रिक वाहनों विषेश कर इलेक्ट्रिक कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों और ई-रिक्षाज का चलन भारतीय सडकों पर चलने के कारण इनका भविश्य वास्तव में आषाजनक लग रहा है, और ऑटोमोबाइल्स के लिए इस प्रकार की उच्च षक्ति की बेटरीज के निर्माण के लिए स्वदेषी तकनीक अपनाए जाने इस उद्योग को काफी राहत मिल सकेगी, क्यों की सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे प्राकृतिक ईंधन (फॉसिल फ्यूल) पर हमारी निर्भरता जहां कम होगी वही प्रदूशण कम होगा तथा यह दीर्घावधि में ग्राहक और देष दोनों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।’’
इस प्रकार की बेटरीज के निर्माण से ई-बाइक निर्माताओं को बहुत बडा प्रोत्साहन मिल सकेगा और वे अपने उत्पादों के लिए इस क्रांतिकारी लिथियम ऑयन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकेंगे। लिथियम ऑयन बेटरीज को उनके मौजूदा चार्ज स्तरों से किसी भी समय चार्ज या डिस्चार्ज किया सकता है और इसकी इसी विषेशता के कारण इसकी मांग तेजी के साथ बढेगी। लिथियम ऑयन प्रौद्योगिकी के कारण इसके कुल चार्ज होने में असाधारण समय की बचत के कारण ई-बाइक्स निर्माता अपने ग्राहकों को अधिक पेषकषें देने में समर्थ हो सकेंगे। इस प्रकार की बेटरीज ने केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकेंगी अपितु प्राकृतिक ईंधन पर निर्भरता को भी कम कर सकेंगी साथ ही अन्य आईसी इंजन या लेड एसिड आधारित इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में आर्थिक रूप से व्यवहारिक होंगी। इसके अलावा सरकार के वर्श २०३० तक मेक इण्डिया के लक्ष्य को षत प्रतिषत पूरा करने के साथ ही स्वच्छ एवं सुरक्षित पर्यावरण दे सकेगे जोकि आज सेहत के लिए एक बडा सवाल बन चुके हैं।

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