सोलर माडयुल मेन्युफेक्चरिंग प्लांट दुर्गा की पृष्ठभूमि

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Published on : 21 Apr, 17 15:04

वर्तमान में डूॅगरपुर जिले के तीन ब्लॉक ( डूॅगरपुर, झौंथरी व दोवडा) में महिला क्लस्टर संगठन आंतरी, झौथरी, बिलडी व पुनाली कार्यरत है। जो ग्रामीण इलाके की गरीब व पिछडी महिलाओ को समूह के माध्यम से संगठित कर आत्मनिर्भर बनाने व इनमें नयी आजीविका संवर्धन गतिविधिया चलाने का कार्य कर रही है। ताकि महिलाए आत्मनिर्भर होकर अपनी व अपने परिवार की आय में गुणात्मक वृद्धि कर सके। इसी क्रम में समूह की महिलाए सीएलएफ द्वारा सरकारी व गैरसरकारी संगठनो से कन्वर्जन्स के माध्यम से महिलाओ को लाभ पहुचाने का कार्य कर रही है। जैसे मनरेगा केटीगरी ष्ठष् का कार्य, वृद्धा पेंशन योजना व स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निमार्ण इत्यादि।
इन सभी योजनाओ के लक्ष्य प्राप्ति हेतु सीएलएफ अपनी अह्म भुमिका निभा रहा है। एवं महिला समूहो के परिवारो द्वारा ना केवल इन योजनाओ को संबल प्रदान कर रही वही अपने समूह के सदस्यो को आय अर्जन के विभिन्न अवसर भी उपलब्ध करवा रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओ के साथ के साथ तालमेल कर समूह की महिलाओ को रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया है। इसी क्रम में दिनांक 11 मई 2016 चारो सीएलएफ व आई आई टी बी के साथ सोलर समझौते का निष्पादन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब ग्रामीण बच्चे व महिलाए जो बिजली व प्रकाश जैसी मुलभूत अवश्यकताओ के अभाव में अपना जीवन यापन कर रहे थे। जिससे बच्चे व महिलाओ की राजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित हो रही थी उनको इस परियोजना के माध्यम से लक्षित कर सीएलएफ की महिलाओ के द्वारा सोलर लेंप का निर्माण व टारगेट समूह तक उचित मुल्य पर सोलर लेंप उपलब्ध करवाना था।

इस पावन कार्य में लगभग 150 महिलाओं का समय- समय पर आवश्यक परीक्षण के माध्यम से तकनीकी क्षमता का विकास किया गया। इस कारण 8 व 10 वी पढीलिखी ग्रामीण महीलाओं ने भी इन्जीनीयर की तरह लेम्प निर्माण कार्य में दक्षता हासिल की व अपने लक्ष्य की प्राप्त किया द्य इस परियोजना अवधि में परियोजना से जुडी महिलाओं ने 5 से 6 हजार प्रति माह की आमदनी भी प्राप्त की।

इस पुरी परियोजना के माध्यम से सी.एल.एफ मे लगभग 75 लाख रू की आमदनी प्राप्त की वही चारो सी.एल.एफ ने परियोजना के माध्यम से 26 लाख रू शुद्व लाभ भी प्राप्त किया । इस परियोजना मे सी.एल.एफ द्वारा किये गयें कार्यो को लोकल मीडिया नोकरशाही के साथ-साथ राजस्थान की यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमति वंसुधरा राजे द्वारा भी सहारना की गई। महिलाओं की एक जुडाव व लगन की वजह से इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री पुरस्कार हेतु भी नमांनकित किया गया है।

परियोजना का उद्देश्य:
इसी प्रयास को आगे ले जाते हुए डंूगरपुर की गरीब आदिवासी महिलाओं द्वारा सी.एल.एफ के माध्यम से सोलर मोड्यल मेन्युफेक्चरिंग प्लान्ट लगाने का निर्णय लिया गया हैं। यह आपनी तरह का भारत का पहला प्लान्ट होगा जो समुह की महिलाओं द्वारा निर्मित व संचलीत किया जायेगा। यह प्लान्ट डंूगरपुर के ऐसे गा्रमीण इलाके जहां आज भी बिजली जैस की मूलभूत सेवा का अभाव हैं अथवा पर्याप्त मात्रा मंें बिजली उपलब्ध नही हो पाती हैं वहां सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा कर उजाला फैलाने का कार्य करेगी।

इस कार्य के उपरान्त दुर्गा प्लान्ट की टीम सोलर लैम्प में एक अलग पहचान बनाना चाहती है जैसे सोलर स्टीªट लाइटए सोलर सिंचाई उपकरण व सोलर से चलने वाले अन्य उपकरणों को निर्माण व मरमत करनें में भी अपना कार्य करेगी।

परियोजना की समयावधि:
इस पावन व पुनीत कार्य को पूर्ण करने हेतु आई.आई.टी बोम्बे सहयोग से 50 से 60 दिन की समय अवधि के अनुसार चरणबद्व किया गया हैं द्य कम्पनी के पंजीकृ्त होने तक मशीन खरीदने हेतु आंतरी क्लस्टर व अन्य कार्य जैस कि भवन मरम्मत निर्माण, ट्रॉसफार्मर व अन्य हेतु खर्च बिलडी, झोथरी व पुनाली द्वारा किया जायेगा।

परियोजना की अनुमानित लागत:
सी एल.एफ द्वारा सम्पादित इन कार्य को करने मे अनुमानित एक. करोड तक खर्च होने की संभावना हैं। जिसमें मुख्य खर्चे का विवरण निम्नानुसार है।

1. सोलर मेड्युल मेन्युफेक्चरिंग उपकरण - 49 लाख
2. भवन निर्माण व मरम्मत - 20 लाख
3. कच्चा माल व मानव संसाधन - 15 लाख
4. कार्यालय स्थापना - 6 लाख
5. सुरक्षा धन रक्षा - 3 लाख
6. आकस्मिक खर्च - 6 लाख


डंूगरपुर के जिला क्लक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी केे सहयोग से सी.एल.एफ को डंूगरपुर मे ही एक विद्यालय परिसर उपलब्ध कराया गया है व सम्भव सहयोग दिये जा रहे है। इसके अतिरिक्त सी.एल.एफ के पास भी अपना स्वयं का 25 लाख रूपए जमा है। परन्तु फिर भी सोलर प्लान्ट को संस्थापन हेतु हमें अभी और धन राशि की अवश्यकता है। सी.एल.एफ द्वारा इस दिशा में सीएसआर तथा टीएडी के माध्यम से फण्ड प्राप्त करने हेतु प्रयास किया जा रहा हैं।
साभार :


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