साधु गुणवेश से बनते हैं, वेशभुषा से नही

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Published on : 19 Feb, 17 08:02

जिनका प्रभु पर पुर्ण प्रेम होता है वे ही साधु एवं महात्मा शिव लिंग की पूजा ही प्रधान पूजा - गिरि बापू

साधु गुणवेश से बनते हैं, वेशभुषा से नही उदयपुर साधु का कोई गणवेश नही होता, जिनका प्रभु पर पूर्ण प्रेम है उन्हें साधु कहना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति कोई भी वस्त्र पहने, इसलिए गणवेश जीवन में प्रधान नही, गुणवेश प्रधान है। सदियो पूर्व जब कोई अवतार की पूजा नही होती थी, तब से शिव लिंग की पूजा होती है। शिव की प्रधान पुजा, आदी पूजा एवं सबसे उत्तम पूजा शिव लिंग की पूजा है। उक्त विचार प्रसिद्ध शिव कथा वाचक गिरि बापू ने उदयपुर में पहली बार आयोजित भव्य शिव कथा के द्वितीय दिवस व्यास पीठ से भक्तो से सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। बापू ने शिव पूराण के प्रसंगो की व्याख्या एवं शिव महिमा बताते हुए श्रौताओं को “सब मिलकर गाओ - ऊँ नमः शिवाय” भजन में भक्ति मय कर दिया एवं उपस्थित शिव भक्त झूम - झूमकर शिव का स्मरण करने लगे।

प्रातः ८ः३० से १ बजे तक होने वाले ९ कुंडिय महारूद्र में आज महत्न श्री रास बिहारी शरण जी महाराज, संस्कृत विश्वविद्यालय के वाइस चान्सलर डॉ. विनोद शास्त्री, निम्बार्क शिक्षक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी एवं सुफी कंस्ट्रक्शन के निदेशक आजाद भाई कन्सारी ने हिस्सा लेकर शिव का आर्शिवाद प्राप्त किया।

शिव कथा आयोजन समति के प्रवक्ता डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पण्डित नन्दलाल शास्त्री के आचार्यत्व में ११ विद्वान पण्डितो ने महारूद्र यजमान से महाहोम करवाया जिसमें विश्व शान्ति एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से गाय की शुद्ध घी एवं काले तिल की आहूतिया दि गई। कथा आयोजन के उद्देश्यों से प्रभावित होकर सुफी कंस्ट्रक्शन के निदेशक आजाद अंसारी ने शिव कथा में एक दिन पूर्ण भोजन प्रसाद अपनी ओर से देने की घोषणा करते हुए आयोजन समिति को आभार दिया।

शिव कथा में उदयपुर सम्भाग के विभिन्न गांवो एवं शहरों से भक्त आने लगे है आज महारूद्र एंव शिव कथा में उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधीश विजय प्रकाश व्यास, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा, नगर निगम उदयपुर के उप महापोर, पूर्व जिला प्रमुख उदयपुर केवलचन्द लबाना, नाथद्वारा श्रीनाथ मंदिर मण्डल के सम्पदा अधिकारी सत्तनारायण आचार्य, अखिल हिन्द त्रिवेदी मेवाडा ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश पण्ड्या, गायत्री परिवार के मावली एवं वल्लभनगर समन्वयक, पंकज पण्ड्या, दिनेश त्रिवेदी, अनिल पाण्डे, प्रियकान्त पण्ड्या, हंसमुख पण्ड्या, महेन्द्र व्यास, गिरिश उपाध्याय, हमेन्त त्रिवेदी एवं मेवाड-वागड क्षेत्र से सेकेडो भक्त गण उपस्थित रहे।

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