कानून एवं व्यवस्था के शासन के लिए बसपा सरकार आवश्यक: सैयद आलमगीर अशरफ

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Published on : 18 Feb, 17 09:02

कानून एवं व्यवस्था के शासन के लिए बसपा सरकार आवश्यक: सैयद आलमगीर अशरफ
किछोछा में आपात बैठक, दोनों चरणों से मनोबल बढ़ा, आगे आर-पार की लड़ाई, रणनीति हुयी तैयार
अंबेडकर नगर बीते दोनों चुनावी चरणों ने ऑल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड की शक्ति और समर्थन से बसपा की बढ़ती लोकप्रियता का स्पष्ट संकेत दे दिया है। इन दोनों ही चरणों से विरोधियों के हौसले पस्त हुए हैं वहीँ प्रचार के लिये तैयार अनुमान के प्रोपगंडों का भी बिखराव हुआ है। इस समय बोर्ड के सभी शाखाएं सक्रिय हैं और यूपी को उत्कृष्ट नेतृत्व और कानूनी वर्चस्व के लिये प्रयासरत हैं। यूपी की जनता को भी यकीन हो गया है कि न्याय, विकास और कानून एवं व्यवस्था के लिये बसपा का विकल्प बुरा नहीं बल्कि अति आवश्यक है। उक्त विचार व्यक्त आल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना सैयद आलमगीर अशरफ किछोछ्वी ने अपने पैतृक स्थान और आध्यात्मिक केंद्र किछौछा शरीफ में आयोजित एक आपात बैठक में किया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बोर्ड के संस्थापक और अध्यक्ष हजरत सैयद मोहम्मद अशरफ किछोछ्वी ने बड़ी मेहनतों और कोशिशों से मुस्लिम क़ौम के लिए यह मार्ग प्रशस्त किया और आज उन्हें अधिकार प्राप्ति, उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण विकास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनहोंने कहा कि उनकी यह राजनीतिक चाल और यूपी की जनता और मुसलमानों के पक्ष में लिया गया फैसला न केवल सराहनीय है बल्कि समय की जरूरत भी है। उलेमा, मशाईख और बुद्धिजीविओं का बढ़ता सहयोग इस बात का सबूत है कि बोर्ड का ये कदम बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के स्पष्ट समर्थन से यूपी का चुनावी नक्शा बदला है और इस की बदलती तस्वीर पिछले दो चरणों के चुनाव में नजर भी आ चुकी हैं। मुसलमानों के साथ सर्व समाज में बसपा के लिए बढ़ती सहानुभूति और समर्थन में बदलते रुझान इसका संकेत दे रहे हैं कि मुसलमानों के समर्थन से बसपा के दावेदारी दिन ब दिन मजबूत होती जा रही है।
उन्होंने प्रदेश की मौजूदा स्थिति का जायजा लेते हुए वर्तमान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सांप्रदायिक दंगों से लेकर बदमाशी और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को सरकार रोकने में पूरी तरह विफल रही है। हजारों बलात्कार, लूटपाट, हत्या, भ्रष्टाचार और अपहरण के ऐसे मामले हैं जिन पर सरकार गंभीर नजर नहीं आई। जवाब में इस सरकार ने भी अन्य असफल हुकूमतों की तरह अनुपात दिखाने की बात कही कि अन्य राज्य के मुकाबले इस में कम हैं। उन्होंने कहा कि यही वह समय है जब हमें फैसला लेना है कि हम अपनी राज्य में किसी तरह की सरकार चाहते हैं। जाति, समुदाय, ऊंच, नीच, रंग, जाति और धर्म में पड़कर हम किसी ऐसी सरकार को नहीं चुन सकते जिसके पास देने के लिए झूठे वादों के सिवा कुछ भी न हो।
इस बैठक का आयोजन भारत के आध्यात्मिक केंद्र किछौछा में हुआ जिनमें खानवादा अशरफिया की प्रमुख हस्तियों के अलावा आस-पास के ज़िम्मेदारों शरीक हुए और आने वाले चरणों के लिये कार्य योजना तैयार की। बैठक में हज़रत मौलाना सैयद हसन कमाल अशरफ, सैयद आले मुस्तफा अशरफ, सैयद मोहम्मद अशरफ, सैयद हैदर अशरफ, सैयद शोएब अशरफ, अब्दुल क़ादिर, बाबू भाई, नूरुद्दीन, अब्दुल कादिर, गुफरान सेठ, नदीम भाई जैसे महत्वपूर्ण, संवेदनशील प्रभावशाली लोगों की सक्रिय भागीदारी ने अगले चरणों की तैयारी को जोश से भर दिया है। बैठक का समाप सलाम और देश में शांति और सुरक्षा की दुआ पर हुआ।

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