श्रीराम ने अन्याय को समाप्त कर न्याय की स्थापना की - सुश्री हेमाद्री देवी

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Published on : 16 Feb, 17 08:02

प्रतापगढ | सनातन धर्म उत्सव समिति एवं भारतीय सिन्धू महासभा के तत्वाधान में नई आबादी में झूलेलाल मन्दिर प्रांगण में श्रीराम कथा में सुश्री हेमाद्री देवी ने कहा कि भारत देष कृशि प्रधान देष हैं साथ ही ऋशि प्रधान देष भी हैं। हमारे ऋशि वैज्ञानिक रहे हैं एवं उन्होनें अनेक प्रयोग कर मानव जाति के उत्थान का कार्य किया हैं हमारे ऋशि मुनियों ने उस समय वायुयान का निर्माण कर लिया था जिस समय दूनिया के देषों में ज्ञान की कमी रही थी। हमारे वैज्ञानिक ऋशि रहे हैं। भारतीय संस्कृति भी ऋशि प्रधान संस्कृति रही हैं। इस अवसर पर उन्होनें कहा कि एक दिन में एक व्यक्ति २२६०० बार सास ले लेता हैं और अगर हर सांस में राम का नाम का जप हो जावें तो जीवन सफल हो जाता हैं।
सुश्री हेमाद्री देवी ने कहा कि राम का पूरा जीवन मर्यादा का जीवन रहा हैं उन्होनें विष्व को मर्यादा में रहने का मार्गदर्षन प्रदान किया। मां सीता का जीवन चरित्र प्रधान रहा हैं उन्होनें तिनके की आड में रावण जैसे षक्तिषाली राजा को ललकारा था। लक्ष्मण का त्याग व समर्पण के सामने किसी का त्याग व समर्पण नहीं रहा हैं। भरत का जीवन संत की तरह रहा हैं। राज षासन मिलने पर भी उन्होनें अयोध्या से दूर एक कुटीया बनाकर १४ वर्श तक अपना जीवन यापन किया। भगवान श्रीराम ने अन्याय को समाप्त कर न्याय की स्थापना की हैं भगवान श्रीराम ने षबरी के झूठे बैर खाकर विष्व को छूआछूत नहीं करने की प्रेरणा दी हैं। कर्मषास्त्रों के अनुसार केवल धर्म की जय के नारों से कल्याण होने वाला नहीं हैं। जीवन में किसी का स्वभाव नहीं बदलता हैं। किसी के स्वभाव पर किसी का प्रभाव में असर नहीं करता। इसका उदाहरण भगवान विश्णु के पास अमृत और भगवान षिव के पास जहर था परन्तु विश्णु को अमृत गौरा नहीं कर सका और षिव को जहर काला नहीं कर सका।
भारतीय सिन्धू सभा के राश्ट्रीय युवा महासचिव लक्ष्मणदास बुलचन्दानी ने अतिथियों को उपरणा भेंट कर स्वागत किया इस अवसर पर उन्होनें अश्टदर्षन साधू मण्डल के राश्ट्रीय सह सचिव महन्त पवनसुतदास जी एवं रामजानकी मन्दिर पिपरिया के महन्त यंग्यष्वरदास, कौषलकिषोर का भी षोल ओढाकर स्वागत किया। सिन्धी समाज के अध्यक्ष थावरदास बुलचन्दानी एवं लक्ष्मणदास बुलचन्दानी ने नगरपरिशद प्रतापगढ के सभापति कमलेष डोषी का भी सम्मान किया गया जिन्होनें नगरपरिशद में स्वच्छता अभियान को आन्दोलन के रूप में लेकर चलाया एवं निराश्रित गौमाताओं के पालन के लिये निराश्रित गृह की स्थापना की जिसमें गौमाताओं का पालन हो रहा हैं। प्रतापगढ सिन्धी समाज की ओर से अखिल भारत कृशि गौसेवा संघ के प्रदेष मन्त्री दिलीप तिवारी एवं पषु कु्ररता निवारण के सचिव रमेषचन्द्र षर्मा का गौरक्षा के क्षैत्र में विषिश्ठ कार्य करने के लिये सम्मानित किया।
श्रीराम कथा में नगरपरिशद के सभापति कमलेष डोषी ने अपने उद्बोधन में भगवान राम से अपने जीवन में प्रेरणा लेकर अन्याय के विरूद्ध संघर्श करने की बात कही। दीप प्रज्वलन षिक्षाविद भागीरथ राकेष, सुरेन्द्र कुमार बोरदिया, श्रीराम चालिसा रचियता थावरदास बुलचन्दानी अध्यक्ष सिन्धी समाज, किषनचन्द बुलचन्दानी समाजसेवी, लक्ष्मणदास बुलचन्दानी राश्ट्रीय युवा महासचिव भारतीय सिन्धू सभा, समाजसेवी अषोक छाबडा, गोपाल षिवनानी, पप्पु भाई षिवनानी, झूलेलाल मन्दिर पूजारी पवन बैरागी, नरेन्द्र मोदी विचार मंच के मण्डल अध्यक्ष मदनलाल आंजना, सीतारामदास बैरागी, षिक्षक संघ ने कृश्णगोपाल षर्मा किया, नगर भाजपा अध्यक्ष मुकेष नागर, भाजपा नेता विद्यासागर राठौड पूर्व प्रतिपक्ष नेता उदयलाल अहीर, पार्शद उत्सव जैन, भाजपा नेता महेष षर्मा आदि।
कार्यक्रम में जगदीष चचलानी, ओमप्रकाष बुलचन्दानी, दिलीप भाई बुलचन्दानी फ्रुटवाले, कन्हैयालाल धामेचा, नवीन पृथवानी, संजय बत्रा, अषोक षिवनानी आदि कार्यकर्ताओं ने अतिथीयों को स्वागत किया।

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