जयपुर, मानसरोवर रजत पथ स्थित ओउमानन्दम् परिसर मे आर्यसमाज जयपुर दक्षिण द्वारा ध्यान यज्ञ भजन सतसंग का आयोजन हुआ।सार्बदेशिक आर्य युवक परिषद प्रदेशाध्यक्ष यशपाल " यश" ने पुरुषार्थ चतुष्ठय की विवेचना करते हुए कहा कि धर्म पूर्बक अर्थ कमाकर मर्यादित "काम "अपनाना मोक्ष का साधन पुरुषार्थ हे।यश ने कहा कि पश्चिम ने इसे जीवन का एक मात्र लक्ष्य वासना बना विश्व को हाहाकार अशान्ति मे धकेल दिया ।
भजन गायक मेहरा परिवार ने " मूर्ख प्राणी काहे न करता ओउम् का जाप - करले प्यारे मिटेन्गे तेरे दुख सन्ताप " आगे जीवन का यथार्थ बताते " दुनिया के गोरख धन्धे मे जिन्दणी बीत गयी हे- मोह ममता मे एसा उलझा सांसे रीत गयी हे " की भावपूर्ण प्रस्तुति से वातावरण ओउम् मय होगया ।
श्याम अग्रवाल ने यज्ञ कराया, रामकिशोर शर्मा, प्रियंका ने भी भजन गाये ।महेन्द्र सिह, भवर सिह, मधुरानी,पलक सहित अनेको ने विश्व शान्ति यज्ञ मे आहुतिया दी।
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