कैंसर पर सम्मेलन का समापन

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Published on : 31 Jan, 17 07:01

सम्मेलन के मुख्य वक्ता लंदन के डॉ निकोलस ने बताया कि हर साल ४०००० नए प्रोस्टेट कैंसर रोगी आते है। उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर का मुख्य कारण षरीर के किसी अन्य भाग से कैंसर कोषिकाओं का रक्त प्रवाह के माध्यम से प्रोस्टेट में स्थापित होना है। प्रारंभिक अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर का निदान होने पर इसका उपचार संभव है

कैंसर पर सम्मेलन का समापन गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैंसर द्वारा आयोजित ५वां राश्टीय युवा ऑनकोलोजिस्ट सम्मेलन का समापन समारोह रविवार २९ जनवरी को गीतांजली सभागार में हुआ। सम्मेलन के आखिरी दिन प्रोस्टेट एवं मुंह और गले के कैंसर के रेडियोसर्जरी उपचार पर मंथन किया। सम्मेलन में रेडियोसर्जरी सोसइटी ऑफ इण्डिया के गठन की घोशणा की गई जिसका मुख्यालय उदयपुर में गीतांजली कैंसर सेंटर को बनाया जाएगा।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता लंदन के डॉ निकोलस ने बताया कि हर साल ४०००० नए प्रोस्टेट कैंसर रोगी आते है। उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर का मुख्य कारण षरीर के किसी अन्य भाग से कैंसर कोषिकाओं का रक्त प्रवाह के माध्यम से प्रोस्टेट में स्थापित होना है। प्रारंभिक अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर का निदान होने पर इसका उपचार संभव है और परिपक्व अवस्था में कीमोथैरेपी एवं रेडियेषन के संयोग द्वारा भी इसका उपचार संभव है। बेंगलुरु के डॉ श्रीधर ने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर का उपचार प्रारंभिक अवस्था में कराने पर लगभग ९८ प्रतिषत सफलता हासिल की जा चुकी है एवं परिपक्व अवस्था में ६० प्रतिषत तक उपचार संभव हो पाया है। साथ ही यह भी कहा कि प्रोस्टेट कैंसर रोगयिों मं मृत्यु दर में कमी आकी गई है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई के डॉ वेदांग ने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर का रेडियोसर्जरी द्वारा उपचार तभी संभव है यदि कैंसर प्रोस्टेट में एक ही जगह स्थापित हो। अगर प्रोस्टेट कैंसर मेटास्टेटिक रुप में हो जाए तब उसका उपचार कीमोथैरेपी द्वारा किया जाता है।
सम्मेलन के पहले सत्र में रेडियोसर्जरी पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत हुए जिसमें पुणे के डॉ संजय, बेंगलुरु के डॉ मोहम्मद रिफाई, हेदराबाद की डॉ स्पूर्ति, साकेत के डॉ राजेन्द्र कुमार, गीतांजली हॉस्पिटल की डॉ ष्वेता मुथा, डॉ किरण व डॉ हिरक व्यास, मुम्बई के षौरव मौलिक, गुडगांव के डॉ कुषल नारंग एवं डॉ अभिशेक, कोची के डॉ राम माधवन, मुम्बई के डॉ रांती घोश, गुडगांव की डॉ षिखा गोयल और थाणे के डॉ वैभव पारिक प्रतिभागी थे। द्वितीय सत्र में अमेरिका के डॉ पेटिक ने कॉनटूरिंग प्रेक्टिस फॉर प्रोस्टेट एसबीआरटी और मुम्बई के डॉ वेदांग ने प्रोस्टेट एसबीआरटी टीएमएच के अनुभव पर चर्चा की। आखिरी सत्र में मुंह व गले के कैंसर का रेडियोसर्जरी द्वारा उपचार पर प्रेंजेटेषन प्रस्तुत हुई जिसमें गुडगांव की डॉ षिखा, अहमदाबाद के डॉ आषीश कुमार, डॉ पूजा नंदवानी व डॉ मल्हार पटेल एवं कोचिन के राघवेंद्र होल्का ने विचार प्रस्तुत किए।
सम्मेलन के समापन पर पोस्टर प्रतिभागियों को पुरस्कार विस्तृत किए गए जिसमें अम्रिता इंस्टीट्यूट, कोची की डॉ अंजली मेनन को कॉलेनगियो कार्सिनोमा टेकिंग पोस्टर पर प्रथम, श्री डीबी तेजानी कैंसर सटर, सूरत के डॉ पुश्पेंद्र हिरापारा को रेडियोसर्जरी इन इण्डिया पर द्वितीय और सीएमसी वेल्लूर की डॉ मेथांगी जे ने रेडियोसर्जरी का सुनने और संतुलन की नस में इलाज पर तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी के साथ रिर्सच पेपर में गुडगांव के डॉ अभिशेक ने एचसीसी-पीवीटीटी इररेडियेषन पर प्रथम, डॉ राजेंद्र कुमार ने एमईसी का एसबीआरटी द्वारा उपचार पर द्वितीय व साकेत के ने डॉ कुषल नारंग ने एक्सटीम हाईप्रोफेक्षन इन कार्सिनोमा प्रोस्टेट पर तृतीय स्थान प्राप्त किया। आयोजन सचिव डॉ वी षंकर ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।


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