दिल्ली-मुंबई ट्रेनों का रूट बन जाएगा चित्तौड़गढ़ जंक्शन 2019 तक

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Published on : 23 Jan, 17 10:01

चित्तौड़गढ़/ आगामीदो साल में चित्तौडगढ़-लक्ष्मीबाई नगर वाया रतलाम-फतेहाबाद रेलखंड के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो जाएगा। इससे पहले 2018 तक अजमेर-उदयपुर खंड भी इलेक्ट्रिफाई हो जाएगा। इसका मेवाड़ को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि 2019 में दिल्ली-मुुंबई के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक ट्रेनों का वाया चित्तौड़-रतलाम नया रुट खुल जाएगा।
चित्तौड़गढ़-लक्ष्मीनगर वाया फतेहाबाद-रतलाम ट्रैक पर अभी ट्रेनें डीजल इंजन से चल रही है। रेलवे ने 297 किमी लंबे इस सेक्शन के इलेक्ट्रिफिकेशन की तैयारी तेज कर दी है। दो भाग में चित्तौड़गढ़-रतलाम और रतलाम-लक्ष्मीबाईनगर के बीच होने वाले इस कार्य पर 213 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इधर, अजमेर मंडल के भीलवाड़ा तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अंतिम चरण में हैं। चित्तौड़गढ़ से इंदौर तक इलेक्ट्रिफिकेशन होने से ट्रेनों का परिचालन कम समय और कम खर्च में होगा। नई गाडियां भी चलाई जा सकेगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार रतलाम-चित्तौड़गढ़ 189 किमी सेक्शन के इलेक्ट्रिफिकेशन पर लगभग 115 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके टेंडर हो गए हैं। चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर ऑफिस के इंजीनियर हाल में निरीक्षण कर चुके हैं। फरवरी में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम होने लगेगा।
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