मुसलमानों के लिए सरकार गंभीर नहीं: सैयद आलमगीर अशरफ

( 4756 बार पढ़ी गयी)
Published on : 23 Jan, 17 07:01

गांधी धाम में तारिक फ़तेह की इस्लाम दुश्मनी के खिलाफ सम्मेलन, चुनावी फायदे के लिए धार्मिक भावनाओं का सहारा लेना निंदनीय

मुसलमानों के लिए सरकार गंभीर नहीं: सैयद आलमगीर अशरफ
गांधी धाम गुजरात पिछले कई दिनों से तमिलनाडु में वहां की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा जली-कुट्टी को लेकर हंगामा बरपा है। जहां एक ओर जानवरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के आधार पर सुप्रीम कोर्ट का भी रुख आ गया कि किसी भी तरह के अमानवीय कृत्यों को न किये जाएँ। इसके बावजूद सरकार सुप्रीम कोर्ट के विपरीत एक कानून पारित करने की बात कर रही या यूं कहें कि सरकार घुटने टेकने पर मजबूर है या फिर दिखावा और धोखा है। अभी कुछ दिनों पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ संबंधित पक्षपातपूर्ण रवैया ने यह साबित कर दिया कि सरकार लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से हटती नजर आ रही है। भारत के करोड़ों नागरिकों की अनदेखी करके अपनी मंशा दिखा दी है। उक्त विचार व्यक्त गांधी धाम गुजरात में आयोजित एक सम्मेलन में आल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना सैयद आलमगीर अशरफ ने किया। उन्होंने कहा कि यह देश के विकास के रास्ते में एक बड़ी बाधा है कि देश के नागरिकों के साथ उनके नाम, जाति और धर्म के आधार पर मामलों रखें जाएं। एक धर्म विशेष के लोगों के साथ अन्याय किया जाये और उनकी भावनाओं को उभार कर उन्हें उनका शोषण किया जाये। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को उसके धर्म के आधार पर जीवन जीने की स्वतंत्रता देश का संविधान देता है। अब देश के संविधान के खिलाफ पर्सनल लॉ में बेजा छेड़छाड़ करके सरकार खुद को लोकतांत्रिक मूल्यों से निकालकर तानाशाही के मार्ग पर अग्रसर करने पर आमादा है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों में धर्म और जाति को आधार न बनाने के निर्देश दिए है लेकिन इसका खुलेआम उल्लंघन करते हुए तारिक फ़तेह जैसे अपने देश के विद्रोही और इस्लाम दुश्मन द्वारा देश में धार्मिक घृणा फैलाने की कोशिश की जा रही है। तारिक फ़तेह को आने वाले चुनाव में मुसलमानों के अंदर अराजकता फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। तारिक फ़तेह पहले अपने देश और वहां की जनता मुसलमानों के बारे में चिंता करें। भारतीय मुसलमानों को इस्लाम सिखाने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि तारिक फ़तेह विद्रोही विचारधारा द्वारा मुसलमानों में खौफ व हरास पैदा करके उन्हें बांटने की साजिश है। उन्होंने भारतीय मुसलमानों और देशवासियों से आग्रह किया कि इन परिस्थितियों से निपटने के लिए हमें एकजुट रहने की ज़रूरत है। ऐसी किसी भी विद्रोही विचारधारा का शिकार होकर हमें मार्ग से भटकना नहीं है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार आलिमों भी चाहिए कि उसकी तिरस्कारी और विद्रोही विचारधारा के खिलाफ एकजुट हों।

इस सम्मेलन का आयोजन सैयद अहमद बापू की अध्यक्षता, जीलानी बापू के संरक्षण और हैदर बापू के नेतृत्व में हुआ। हजारों लोगों ने इसमें सम्मिलित होकर देश के लोकतंत्र की रक्षा में ऑल इंडिया उलमा मशाईख बोर्ड के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का संकल्प किया। कार्यक्रम का समापन सलातो सलाम और देश में शांति, खुशहाली और सुरक्षा की दुआ पर हुआ।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.