गीता में अनेक वैश्विक समस्यायों का समाधान उपलब्ध है – आचार्य लोकेश

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Published on : 10 Dec, 16 12:12

आचार्य लोकेश ने अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित किया बाबा रामदेव सहित अनेक प्रख्यात धर्माचार्य एक मंच पर

गीता में अनेक वैश्विक समस्यायों का समाधान उपलब्ध है – आचार्य लोकेश मंत्रोचारण व गीता पूजन के साथ कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2016 का आगाज हुआ| महोत्सव के समापन समारोह में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गोआ की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, हरियाणा सरकार में मंत्री श्री रम विलास शर्मा व कैप्टन अभिमन्यु ने शिरकत की | गीता महोत्सव को योग गुरु रामदेव जी, जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि, जूना पीठाधीश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरी जी, काशी पीठाधीश्वर गुरु शरणानन्द जी महाराज, गीता मनीषी स्वामी ‌‌‍‍ज्ञानानंद जी महाराज, स्वामी विश्वेश्वरानन्द जी स्वामी परमात्मानंद जी महाराज, गोविन्द गिरी जी महाराज सहित अनेक प्रख्यात आध्यात्मिक गुरुओं ने संबोधित किया| महोत्सव में देश विदेश से लाखों लोगो ने भाग लिया| नई पीढी को गीता ज्ञान की प्रेरणा के उद्देश्य से 18473 स्कूली बच्चों ने भगवत गीता के श्लोकों व सूर्य नमस्कार का पाठ कर विश्व रिकार्ड बनाया|
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक व विश्व विख्यात जैनाचार्य डा. लोकेश मुनि ने संत सम्मलेन व समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अन्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से पिछले कुछ दिनों में एक अद्वितीय अध्यात्मिक यात्रा करने का मौका मिला है| श्रीमद्भागवत गीता एक अद्भूत महाकाव्य है जिसमे अनेक वैश्विक समस्यायों का समाधान उपलब्ध है| गीता हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा देती है| मौजूदा समय में सभी अपने अधिकारों के लिए तो सतर्क है परन्तु अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं है, जिससे अनेक समस्याएं पैदा हो रही है| आमतौर पर कर्तव्यों का पालन स्वार्थ, लगाव व कीमत के लिए किया जाता है| गीता इस बात पर जोर देती है कि इन सब को त्याग कर काम करना चाहिए| उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान को युवा पीढ़ी तक पहुँचाना हम सबका दायित्व है|
आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता किसी जाति, साम्प्रदाय, देश या काल तक सीमित नहीं है| गीता की जरूरत सम्पूर्ण विश्व को है| इसके अन्दर विश्व को भ्रष्टाचार, गलत आचरण, चोरी डकैती, अशांति, अन्याय व आतंकवाद से बचने की क्षमता है| मनुष्य का आचरण ईश्वरीय सत्य पर आधारित होना चाहिये| हमें अवगुणों को छोड़ कर गुणोंको अपनाना चाहिए, आचरण मानवीय होना चाहिए व चरित्र दिव्य होना चाहिये| यही गीता ज्ञान है जिसपर चलकर अनेक वैश्विक समस्याओं का समाधान मुमकिन है|
इस महोत्सव में 18 हज़ार विद्यार्थियों ने पहली बार ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर इतिहास बनाया| महोत्सव में आर्ट व क्राफ्ट मेले का भी आयोजन किया गया जिसमे डेरा सच्चा सौदा का स्टाल पर्यटकों क लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा| महोत्सव में जहाँ एक ओर युवा पीढ़ी को संस्कारमय बनाने के लिय विद्यार्थियों ने गीता के श्लोकों और सूर्य नमस्कार कर योग और गीता को जोडने का प्रयास किया वही दूसरी ओर महोत्सव के दौरान दुनिया के 25 देशों में ग्लोबल चान्टिंग ऑफ गीता कार्यक्रम का आयोजन हुआ|


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