चिन्ता छोड, चिन्तन करेंः बृजनंदन जी महाराज

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Published on : 26 Sep, 16 17:09

चिन्ता छोड, चिन्तन करेंः बृजनंदन जी महाराज उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के लियो का गुडा स्थित सेवा महातीर्थ, बडी परिसर में संस्थान संस्थापक कैलाश ’मानव’ के सानिध्य में सोमवार से शुरू हुए सप्तदिवसीय श्रीमद् भगवत कथा एवं अपनों से अपनी बात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संत बृजनंदन जी महाराज ने कहा कि ’श्रीमद् भगवत’ प्राप्ती का नहीं अपितु प्रेम का साधन है, जब तक प्रेम नहीं होगा, अनुरक्ति प्राप्त नहीं होगी, अतः हमें कृष्ण से प्रेम करना होगा। श्रीमद् भगवत मृत्यु से नहीं अपितु मृत्यु के भय से बचाती है, कि अब मरना नहीं बल्कि गोविंद से मिलना है। जो होना है वो होगा ही, तो चिंता क्यों ? चिंता व चिता दोनों सगी बहने हैं, जहां चिता मरने के बाद जलाती है, वहीं चिंता जीते जी मनुष्य को जलाती है। अतः चिन्ता छोडे और चिन्तन करें।
अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि, वृक्ष को भी जब हम पत्थर मारते हैं तो वो हमें फल देता है, इसी प्रकार जीवन में हम किसी व्यक्ति को भिख देने की अपेक्षा उस व्यक्ति को इस काबिल बनाएं कि उसे किसी के आगे हाथ न फैलाना पडे। परमात्मा द्वारा दी हुई वस्तु को यदि वे वापस ले लेते हैं, तो दुःखी न होकर इसे प्रभु ईच्छा समझ स्वीकार कर लेना चाहिए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर प्रातः १० से दोपहर १ बजे तक हुआ जिसका संचालन ओम पाल सिलन ने किया।


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