शोधार्थियों को अब पढ़ाना भी होगा, सरकार का फैसला बना गलफांस

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Published on : 29 Jul, 16 15:07

राज्य सरकार का फैसला महाविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र में अध्यापन शुरू करने के मामले में गलफांस बन गया है। मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय ने सरकार के निर्देशानुसार अतिथि प्राध्यापक हटाकर सेवानिवृत्त प्रोफेसरों से आवेदन आमंत्रित किए, तो एक भी आवेदन नहीं मिला। एेसे में अब पीएचडी स्कॉलर्स के सहारे नैया पार लगाने की तैयारी है मगर इससे उच्च स्तरीय शोध एवं विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने पर संदेह है।


मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश की युवा जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए वैश्विक स्तर के पाठ्यक्रमों व व्यवस्थाओं पर बल दे रहा है। इसके लिए विशेष अनुदान दिए जा रहे हैं। दूसरी ओर, युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा दिलाने के लिए विश्वविद्यालयों में दक्ष स्टाफ नहीं है। सुखाडि़या विवि में करीब 1700 पीएचडी स्कॉलर्स हैं। इन्हें क्लास में लगाने की तैयारियों पर शिक्षाविदों ने हैरानी जताई। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में उच्च योग्यताधारी सैकड़ों युवा बेरोजगार हो गए हैं।
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