शैक्षणिक गतिविधियाँ सुचारू एवं सार्थक रूप से संचालित हो सके:नैतिक जिम्मेदारी हमारी

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Published on : 25 Jul, 16 22:07

शैक्षणिक गतिविधियाँ सुचारू एवं सार्थक रूप से संचालित हो सके:नैतिक जिम्मेदारी हमारी उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित की गई।
एस.ओ.सी. की बैठक के प्रारंभ में प्रो. शर्मा ने कहा कि सर्वप्रथम नवीन अकादमिक सत्र के प्रारम्भ के साथ शैक्षणिक गतिविधियाँ सुचारू एवं सार्थक रूप से संचालित हो सके, यह सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि माननीय कुलाधिपति के निर्देशानुसार व कुलपति समन्वय समिति के निर्णयानुसार विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन के बाहर स्वामी विवेकानंद की भव्य प्रतिमा स्थापित की जायेगी। राष्ट्रीय ध्वज पर चर्चा करते माननीय कुलपति ने निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन पर २४ घंटे राष्ट्रीय ध्वज फहराया जायेगा तथा इस हेतु राजभवन से प्राप्त निर्देशों की भी अनुपालना की जायेगी। कुलपति समन्वय समिति के निर्णयानुसार विश्वविद्यालय में मूक-बधिर दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा को बढावा देने हेतु उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा एवं राज्य सरकार के नियमानुसार नियुक्ति में उन्हें प्राथमिकता देने पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय में वर्ष में दो बार २३ जनवरी को सुभाषचंद्र बोस जयंती एवं २५ सितम्बर को दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर वृहद रक्तदान शिविर आयोजित किये जायेंगे जिसमें सभी विद्यार्थी एवं कर्मचारियों को रक्तदान हेतु प्रेरित किया जायेगा। विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी के डिजिटिलाइजेशन कार्य को गति दी जायेगी तथा माननीय राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार शोध में दोहराव एवं नकल को रोकने हेतु विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सामयिक एवं यथार्थ अनुसंधान कार्य को बढावा दिया जायेगा।
माननीय कुलपति ने भू-सम्पत्ति अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के नव-निर्मित प्रशासनिक भवन के कार्य में गति लाते हुए शेष रहे निर्माण कार्यों को शीघ्र ही पूरा किया जाये जिससे विश्वविद्यालय नवीन भवन में स्थानांतरित किया जा सके। साथ ही उन्होंने प्रशासनिक कार्यालय को निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त हो गई है तथा इन पदों को बजट से सत्यापित कर शीघ्रातिशीघ्र भरने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की जाये।
प्रो. शर्मा ने बताया कि शिक्षण में उन्नयन व गुणवत्ता के निर्धारण हेतु आठ ’प‘ की योजना की कडाई से अनुपालन की जाने की आवश्यकता है जिसमें प्रवेश, पढाई, परिसर/परिवेश, परीक्षा, परीक्षण, परिणाम, पुर्नमूल्यांकन तथा पदक एवं पदवी को सम्मिलित किया गया है तथा उपरोक्त कदम इसी परियोजना के चरण हैं।
प्रो. शर्मा ने बैठक में उपस्थित सभी अधिष्ठाताओं एवं निदेशकों को विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। कुलपति ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि शिक्षा में उन्नयन के लिये निरंतर प्रयासशील है तथा इसी कडी में पाँचवीं डीन्स कमेटी की प्रस्तावना आई.सी.ए.आर. को मिल चुकी है एवं शीघ्र ही इसे विश्वविद्यालय में भी लागू करने पर चर्चा की गई।
बैठक में कार्यकारी कुलसचिव, डा. जी.एस. तिवारी; वित्त नियंत्रक, श्री डी.एन. पुरोहित सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता; छात्र कल्याण निदेशक; निदेशक आवासीय निर्देशन; अनुसंधान निदेशक; प्रसार शिक्षा निदेशक; निदेशक, आयोजना एवं परिवेक्षण; भू-सम्पत्ति अधिकारी इत्यादि उपस्थित थे।

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