‘दिल जीतने की दिशा’ में शुरूआत के तौर पर आफस्पा हटाने का अनुरोध महबूबा मुफ्ती ने किया

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Published on : 25 Jul, 16 13:07

‘दिल जीतने की दिशा’ में शुरूआत के तौर पर आफस्पा हटाने का अनुरोध महबूबा मुफ्ती ने  किया श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हथियार उठाने के लिए कश्मीर में युवाओं को उकसाने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी नीति बदलनी होगी और उन्होंने केंद्र से प्रायोगिक आधार पर लोगों का ‘दिल जीतने की दिशा’ में शुरूआत के तौर पर चुनिंदा क्षेत्रों से आफस्पा हटाने का अनुरोध किया। महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज जब कोई कश्मीरी बच्चा बंदूक उठाता है तो वो (पाकिस्तान) उन्हें नेता बताते हैं और कहते हैं कि वह अच्छा कर रहा है लेकिन जब उनका अपना बच्चा बंदूक उठाता है तो वो उस पर ड्रोन से हमला करते हैं और सैन्य अदालतों में उन्हें फांसी देते हैं।’’


उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पाकिस्तान ने इस बार ज्यादती की है। पाकिस्तान की तरफ कश्मीर की जनता सहानुभूति भरी नजरों से देखती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वो हमारे बच्चों को बंदूक उठाने के लिए उकसाते हैं और तब कहते हैं कि अगर आप मुठभेड़ में मारे जाते हैं तो आप हमारे नेता बनेंगे, तो मेरा मानना है कि उन्हें यह नीति बदलने की आवश्यकता है।’’ जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ऐसे दिन बोल रही थीं जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सिंह ने घाटी में हालात का जायजा लिया। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में संघर्षों में 47 लोग मारे गए हैं और पांच हजार से अधिक नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

महबूबा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान कहता है कि हम आतंक के पीड़ित हैं। एक ही दिन में एक स्कूल पर हमले में उनके 146 बच्चे मारे गए और लोग उनकी मस्जिदों में जाने से डरते हैं।’’ महबूबा ने ये बातें कश्मीर में हिंसा को प्रोत्साहन देने के लिए पड़ोसी देश पर हमला करने के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मुद्दों का निराकरण करने के लिए साहसिक कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि जम्मू कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं। उन्होंने कहा कि समूचे देश के लिए न सिर्फ उचित अवसर है बल्कि पाकिस्तान के लिए भी अवसर है कि बातचीत करके मुद्दों का निराकरण किया जाए। महबूबा ने कहा कि राज्य में स्थिति सुधारने के लिए कहीं से शुरूआत की जानी है और प्रायोगिक आधार पर 25 से 50 थाना क्षेत्रों से आफस्पा को हटाने का सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक आफस्पा का सवाल है तो हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसे एक बार में ही हटा दिया जाना चाहिए। लेकिन प्रायोगिक आधार पर अगर इसे धीरे-धीरे हटाया जाता है तो यह देखा जा सकता है कि उन क्षेत्रों में हालात कैसे रहते हैं।’’ महबूबा ने कहा, ‘‘अगर हालात बेहतर बने रहते हैं तो इसे पूरी तरह हटा लिया जाना चाहिए या अगर आप महसूस करते हैं कि आतंकवाद इसे हटाने की अनुमति नहीं देता है तो इसे दोबारा लागू किया जाना चाहिए।’’

विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून सशस्त्र बलों को मुकदमे और अन्य कानूनी कार्यवाही से छूट प्रदान करता है। पीडीपी और विपक्षी नेशनल कान्फ्रेंस इसे हटाने की मांग करती रही है। महबूबा ने कहा कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भाजपा के साथ गठबंधन करने में दो महीने का वक्त लिया और जम्मू कश्मीर को दलदल से बाहर निकालने का रास्ता दिखाने के लिए गठबंधन का एक एजेंडा तैयार किया और इसे सिर्फ धन या पैकेजों के जरिए नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत, शांति प्रक्रिया और लोगों का दिल जीतने जैसे कुछ मुद्दे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर की जनता तक पहुंचने का प्रयास किया है। गृह मंत्री ने संसद में बहुत अच्छा बयान दिया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज हमारे पास पूरे देश और पाकिस्तान के लिए अवसर है कि अगर वो वाकई हमारे शुभेच्छु हैं तो उन्हें बातचीत करनी चाहिए।’’

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