बंध्याकरण के ढाई साल बाद महिला ने दिया बच्चे को जन्म

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Published on : 13 Jul, 16 12:07

भभुआ: जनसंख्या नियंत्रण के लिए पूरे राज्य में सोमवार से परिवार नियोजन पखवारा मनाया जा रहा है. इसके तहत तरह-तरह के जागरूकता अभियान चला जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से सभी अस्पतालों व पीएचसी में मुफ्त में बंघ्याकरण किया जा रहा है और इसके एवज में बंध्याकरण करानेवाले लोगों को प्रोत्साहन के रुपये भी दिये जा रहे हैं, लेकिन कैमूर में परिवार नियोजन के तहत होने वाले बंध्याकरण में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.

चैनपुर प्रखंड के नंदगांव की एक महिला ने बंध्याकरण कराने के ढाई साल बाद एक बच्चे को जन्म दिया है. इसके बाद जहां उसके परिवारवाले हतप्रभ हैं, वहीं चिकित्सीय लापरवाही की पोल खुल गयी है.

दरअसल नंदगांव के नंद कुमार की पत्नी पुष्पा देवी ने दो लड़काें व एक लड़की के जन्म के बाद 29 जनवरी 2014 को प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र, चैनपुर में सरकार के परिवार नियोजन योजना के तहत बंध्याकरण कराया था.

पुष्पा देवी के पति के मुताबित उस समय वहां के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी गंगानंद प्रसाद ने उसका बंध्याकरण किया था. उसके बंध्याकरण का विधिवत पीएचसी द्वारा परची भी दिया गया था. बंध्याकरण के बाद पूरा परिवार निश्चित था कि करीब दो साल बाद उसे एकबार फिर र्गभवती होने की बात चिकित्सकों द्वारा बतायी गयी. लेकिन, उसे विश्वास नहीं हुआ और उसने कई चिकित्सको से राय ली.

सभी ने यही बात बातयी व लगभग ढाई साल बाद 18 जून 2016 को एक बच्चे को जन्म दिया. अब महिला का पति इसकी शिकायत लेकर करीब एक माह से चैनपुर अस्पताल सहित स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के यहां दर दर की ठोकर खा रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

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