निःशुल्क स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत

( 12834 बार पढ़ी गयी)
Published on : 12 Jul, 16 08:07

निःशुल्क स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत उदयपुर। अलख नयन मंदिर नेत्र् संस्थान, प्रतापनगर द्वारा निःशुल्क स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत जनसख्या दिवस पर की गई है। शाला नेत्र् परिक्षण के 20000 हजार के लक्ष्य को इसी वर्ष पूरा किया जाने के मकसद से निःशुल्क स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत आज से धोली मंगरी स्कूल में 30 एवं रकमपूरा स्कूल के 150 बच्चों का नेत्र् परिक्षण किया गया। 100 में से 12 से 15 बच्चों को दृ६ट दो६ा की समस्या से पीडत पाये गयें। जरूरतमंद बच्चों को दवाईयां, च८मा एवं ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया। उदयपुर के 17 ब्लॉक को लक्ष्य बनाकर प्रतिदिन 300 बच्चों का परिक्षण किया जायेगा। गिर्वा ब्लॉक में कक्षा 1 से 5वीं तक 66604, कक्षा 6 से 8वीं तक 36344 कक्षा 8 से 10वीं तक 21843 कक्षा 11 से 12वीं तक के 18979 विद्यार्थी अध्ययनरत है। गिर्वा ब्लॉक में कुल 1,43,770 विद्यार्थीयों का परिक्षण आगामी दिनों में किया जाना है।
अलख नयन मंदिर नेत्र् संस्थान बच्चों के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है प्रशक्षित चिकित्सको की टीम स्कूल स्कूल जाकर नेत्र् परिक्षण कर रही है। चिकित्सा के अभाव में कोई भी बच्चा नेत्र् परिक्षण से वंचित नहीं रहे। इसी मकसद से नेत्र् एंम्बुलेस के माध्यम से गांव गावं के स्कूलों में जाकर परिक्षण किये जाते है।
अलख नयन मंदिर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एल. एस झाला ने बताया की जरूरतमन्दों को नेत्र् चिकित्सा का पूरा लाभ मिले। अब तक अलख नयन नेत्र् संस्थान द्वारा 1,528 स्कूलों में 2,87,0570 बच्चों का नेत्र् परिक्षण किया जा चुका है, जिसमें 43,570 रिफलेक्टीव एररं के पाये गये है। 15,507 को निःशुल्क दवाईयां वितरित की गई। उदयपुर जिले में लगभग 10,00,658 बच्चे हैं, जिसमें से करीब 800 बच्चे अंधत्व के शिकार है लगभग 50,000 बच्चों को अभी भी चश्मेकी आवश्कताहै। कोई बच्चा 5-10 व६ार् की उम्र में अंधा होता है वह अपनी शेष उम्र यानी करीब 40-50 वर्षअंधेपन में निकालता है। डॉ. झाला ने बताया कि अन्य चिकित्सा की तरह स्कूल स्तर पर नेत्र् परिक्षण को भी अनिवार्य किया जाना चाहिए। जिससे 12 से 15 प्रतिशत बच्चों को भवि६य खतरे में ना रहे। कम उम्र के कारण बच्चे में नेत्र् रोग के कारण पढ भी नहीं पाते है। बच्चों में नेत्र् के सामान्य रोगों में पाये जाने वाले भैंगापन, एम्बलाइओपिया (आलसी आंख), काला पानी/काला मोतिया, लाल नेत्र्, दोष है कई प्रकार की नोकरीयों से भी वंचित होना पडता है लेकिन 8 वर्षसे पूर्व नेत्र् परिक्षण कर दोष, भैंगापन, एम्बलाइओपिया जैसी बीमारीयों से जीवन भर के लिए निजात पाया जा सकता है।
अलख नयन मंदिर में बच्चों की नेत्र् जांच के लिए एक पूर्णतया बाल इकाई समर्पित है। बच्चों की नेत्र् जांच के लिए अलग से उपकरण की उपलब्धता है। साथ ही बच्चों के रोग बडों से अलग होते हैं। इसलिए अलख नयन संस्थान द्वारा एक विश६ट ईकाइ पूर्णतया बच्चों के लिए समर्पित है। इतना बडा लक्ष्य पूरा करने के लिए समाजसेवी, दानदाताओं के समयोग की आव८यकता है। सामाजिक सरोकारिता के तहत इसमें आव८यक सहयोग प्रदान करें। यह योगदान बालकों में होने वाली अंधता निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।



© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.