हिन्दुस्तान जिंक की ५०वीं वार्षिक आम सभा सम्पन्न

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Published on : 28 Jun, 16 17:06

हिन्दुस्तान जिंक का रिकॉर्ड खनिज धातु उत्पादन

हिन्दुस्तान जिंक की ५०वीं वार्षिक आम सभा सम्पन्न उदयपुर / वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चाँदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के प्रधान कार्यालय के सभागार में कंपनी की ५०वीं वार्षिक आम बैठक आज सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष श्री अखिलेश जोशी ने कहा कि वित्तीय वर्ष २०१६ में कम्पनी का रिकॉर्ड निष्पादन रहा है जबकि वर्ष के दौरान रिकॉर्ड खनिज धातु तथा एकीकृत धातु उत्पादन हुआ।

श्री अखिलेश जोशी ने शेयरधारकों को बताया कि कंपनी ने भूमिगत खनन की ओर पदार्पण का कार्य संतोषजनक रूप से हो रहा है तथा वर्ष २०१६ में कुल खनित धातु के उत्पादन का ४०ः इसी विधा से हुआ है जबकि एक वर्ष पूर्व यह २८ः ही था। वित्तीय वर्ष २०१७ में यह ६०ः तक हो जाएगा जब कि रॉयल्टी रहित उत्पादन लागत स्थिर रहने की आशा है।

श्री जोशी ने बताया कि कम्पनी के सघन खनिज समन्वेषण कार्यकलाप के फलस्वरूप पिछले कई वर्षों में आरक्षित भंडार एवं संसाधन आधार को और सुदृढ बनाया है। वर्ष के दौरान आरक्षित एवं संसाधन भण्डार में २५.३ मिलियन मी. टन की वृद्धि हुई जो १०.५ मिलियन मी. टन के अवक्षय से पूर्व थी। इस प्रकार ३१ मार्च, २०१६ को इसमें और इजाफा करते हुए ३८९.९ मिलियन मी. टन आरक्षित एवं संसाधन भण्डार है जिनमें ३६.१ मिलियन मी. टन जस्ता - सीसा धातु तथा १,००७ मिलियन आउन्ज चाँदी विद्यमान है। खान का समग्र जीवन २५+ वर्ष है।

वर्ष के दौरान उत्पादन लागत में कमी की, दक्षताओं का उन्नयन किया, हमारी खानों तथा प्रद्रावकों की उत्पादता में सुधार किया तथा कंपनी की विस्तारशील परियोजाओं में खान विकास को चहुँमुखी गति प्रदान की। वर्ष के दौरान खनित धातु उत्पादन ८८९ किलो टन यानि आंशिक तौर पर अधिक था जो अधिक अयस्क उत्पादन के कारण रहा। वर्ष के दौरान जस्ता, सीसा एवं चाँदी धातुओं का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में क्रमशः रिकार्ड स्तर तक यानि ५ः, ३३ः तथा ५८ः तक बढा जो अधिकतम खनित धातु की उपलब्धता, के फलस्वरूप रहा और वर्तमान खनिज धातु भण्डारों एवं संवर्धित प्रद्रावण दक्षताओं के कारण और पुख्ता हो पाया है।

रामपुरा-अगूचा भूमिगत खदान का सहजीकरण जो वर्ष के आरंभ में जैसा कि नियोजित था, धीमा रहा, अब गति पकड चुका है तथा मार्च माह में डिक्लाइन विकास अब तक का सर्वाधिक रहा है। तिमाही के दौरान विकसित निखनन स्थलों से अयस्क उत्पादन आरंभ हो गया तथा पेस्ट भरण संयंत्र भी चालू किया जा चुका है। मुख्य शाफ्ट को गहरा करने की परियोजना में अब पूरा ध्यान ९५० मीटर की कुल गहराई में से ८६० मीटर तक करने पर दिया जा रहा है। रामपुरा-अगूचा विवृत्त खान में और ५० मीटर की अतिरिक्त गहराई करने का कार्य सन्तोषपूर्वक चल रहा है।

वर्ष के दौरान सिन्देसर खुर्द खदान तथा कायड खदान योजना निर्धारित अवधि से पूर्व ही पूर्ण हुई तथा इनमें से क्रमशः ३ मीलियन टन प्रतिवर्ष एवं १ मिलियन टन प्रतिवर्ष की उत्पादन क्षमता अर्जित कर ली गई। वर्ष के दौरान ३.७५ मिलियन टन प्रतिवर्ष की क्षमता वाली सिन्देसर खुर्द खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त कर ली गई तथा १०५२ मीटर की कुल गहराई तक मुख्य शाफ्ट गहरा करने का कार्य पूरा कर लिया गया जब कि शाफ्ट विकसित करने व अतिरिक्त कार्य निर्धारित अवधि पहले किया जा रहा है। सिन्देसर खुर्द में नयी मिल तथा जावर की वर्तमान मिल के डीबोटलनेकिंग के कार्य वर्ष के दौरान आरम्भ कर दिये गये।

श्री जोशी ने शेयरधारियों को अवगत कराया कि वर्ष के दौरान कम्पनी ने शिक्षा, संपोषणीय आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता, खेल एवं संस्कृति, पर्यावरण, सामुदायिक विकास तथा सामुदायिक संपदा सर्जन जैस क्षेत्रों पर पूरा ध्यान देते हुए विभिन्न निगमित सामाजिक दायित्वों पर ६३.२५ करोड, रूपए का निवेश किया।

श्री जोशी ने बताया कि विश्व में जस्ता धातु की मांग प्रतिवर्ष २ः से ३ः तक की स्थिर गति से बढने की आशा की जाती है जबकि घरेलू माँग प्रतिवर्ष ६ः-७ः की दर से बढने की आशा है।

ज्ञातव्य रहे कि कम्पनी इस वर्ष को स्वर्ण जयन्ति वर्ष के रूप में मनाया है, निदेशक मण्डल ने कंपनी के शेयरधारियों के लिये ३० मार्च, २०१६ को १२००ः का विशिष्ट लाभांश (२ रूपये के प्रत्येक एक शेयर पर २४ रूपये) घोषित किया है जो भारत के निजी क्षैत्र के उपक्रम में सर्वाधिक एकल लाभांश हैं। तथा भारत के निगमित इतिहास में दूसरा सर्वाधिक लाभांश है। यह स्वर्ण जयन्ती लाभांश पहले अन्तरिम एवं विशेष अन्तरिम लाभांश (३.८० रूपए प्रति शेयर) जो अक्टूबर, २०१५ में दिया गया था, के अलावा है। पहले से दिये गये स्वर्ण जयन्ति लाभांश को ध्यान में रखते हुए निदेशक मण्डल ने और कोई फाइनल लाभांश की सिफारिश नहीं की है।

गत वर्ष की तुलना में शुद्ध लाभ ८,१६७ करोड रूपए हुआ क्योंकि कम पीबीडी आईटी का प्रभाव वर्ष के दौरान कम कराधान से प्रभावित हुआ। वित्तीय वर्ष के अन्त तक अन्तिम नकदी ३५,२३५ करोड रूपये रही जो वित्तीय वर्ष २०१५ में ३०,७८५ करोड रूपए थी और यह स्वर्ण जयन्ति लाभंाश के वितरण से पूर्व थी।

बैठक में वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष श्री अखिलेश जोशी हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक श्री सुनील दुग्गल के अतिरिक्त हिन्दजिंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, कंपनी के निदेशक मण्डल में निदेशक सुधीर कुमार, अरूण टोडरवाल, महामहिम राष्ट्रपति के प्रतिनिधि सतीश एस कोहली तथा कंपनी सचिव राजेन्द्र पण्डवाल उपस्थित रहे।

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