भारत बना एमटीसीआर का 35वां सदस्य

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Published on : 28 Jun, 16 09:06

नई दिल्ली।भारत सोमवार को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंतण्रव्यवस्था (एमटीसीआर) में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हो गया। भारत ने कहा है कि इस समूह में उसका प्रवेश नियंतण्र अप्रसार शतरें को बढ़ाने के लिए परस्पर फायदेमंद होगा
। किसी बहुपक्षीय निर्यात नियंतण्रसमूह में पहली बार भारत को मिले प्रवेश को रेखांकित करते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने फ्रांस के राजदूत एलेग्जेंडर जीगलर, नीदरलैंड के राजदूत एल्फोनस स्टोलिंगा और लग्जमबर्ग के प्रभारी (चार्ज डी एफेयर्स) लॉरे हुबर्टी की मौजूदगी में सदस्यता पत्र पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत आज सुबह एमटीसीआर में शामिल हो गया। इस समूह के 35वें सदस्य के रूप में भारत का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय अप्रसार के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में परस्पर लाभकारी होगा। बयान में कहा गया, भारत अपनी सदस्यता का समर्थन करने वाले एमटीसीआर के 34 सदस्यों में से प्रत्येक का शुक्रि या अदा करना चाहेगा। हम एमटीसीआर के सहअध्यक्षों- नीदरलैंड के राजदूत पीटर डी क्लेर्क और लग्जमबर्ग के रॉबर्ट स्टीनमेट्ज का भी शुक्रि या अदा करना चाहेंगे।
आगे कहा गया है कि पेरिस में एमटीसीआर के ‘‘प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट’ ने इस समूह में भारत को शामिल किए जाने से जुड़े निर्णय की जानकारी नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास, नीदरलैंड और लग्जमबर्ग के दूतावासों के माध्यम से पहुंचाई। एमटीसीआर में भारत को प्रवेश मिलने से कुछ ही दिन पहले चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध के चलते उसे एनएसजी की सदस्यता नहीं मिल पाई थी।महत्वपूर्ण बात यह है कि हाल ही में सोल में संपन्न बैठक के दौरान 48 देशों के परमाणु आपूत्तर्िकर्ता समूह में भारत के प्रवेश पर बाधाएं पैदा करने वाला चीन एमटीसीआर का सदस्य नहीं है।
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