गुरू अन्धेरे में दीपक के समानः उपाध्याय मुनिश्री अजर्यन्त सागरजी

( 9943 बार पढ़ी गयी)
Published on : 26 Jun, 16 08:06

उपाध्याय मुनिश्री अजर्यन्त सागरजी महाराज का सेक्टर- 11 में भव्य मंगल प्रवेश

उदयपुर, उपाध्याय मुनिश्री अजर्यन्त सागरजी महाराज ने शनिवार को सुन्दरवास स्थित गणेश जैन छात्रावास से विहार कर शोभा यात्रा के साथ सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में मंगल प्रवेश किया। ट्रस्ट अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद कोठारी ने बताया कि आदिनाथ दिगम्बर जैन चेरिटेबल ट्रस्ट की और से कृषि मण्डी गेट पर प्रातः 7.3॰ बजे उपाध्याय मुनिश्री अजर्यन्त सागरजी महाराज ससंघ का भव्य स्वागत किया गया। मुनिश्री की मंगल प्रवेश शोभा यात्रा में बैण्डबाजों की मधुर धुनों पर महिला पुरूष भक्ति नृत्य करते चल रहे थे। जुलूस कृषि मण्डी से अग्रवाल धर्मशाला होते हुए सेक्टर 11 स्थित मन्दिरजी पहुंचा। मदिरजी में ट्रस्ट द्वारा मुनिश्री का पाथ पक्षालन किया गया। इसके बाद शोभा यात्रा के रूप में मुनिश्री का आदिनाथ भवन में मंगल प्रवेश हुआ।
प्रचार प्रसार मंत्री पारस चित्तौडा ने बताया कि मंगल प्रवेश के बाद आचार्यश्री की धर्मसभा हुई जिसमें मुख्य अतिथि उप जिला प्रमुख सुन्दरलाल भाणावत थे जिनका ट्रस्ट की ओर से महामंत्री रोशनलाल जैन, भंवर लाल मुण्डलिया, पारस चित्तौडा, सुरेश कोठारी, रमेश कोठारी, रामजी भणावत एवं रमेश मेहता द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर उपाध्याय मुनिश्री को ऋषभदेव, केजड एवं जयपुर से आये श्रावकों ने श्रीफल भेंट कर चातुर्मास के लिए निवेदन किया।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में उपाध्याय मुनिश्री ने कहा कि आज के समय में भी गुरू के प्रति इतना समर्पण भाव होना अपने आप में ही आश्चर्य है। यहां की गुरू भक्ति की शक्ति को देखकर वह अभिभूत हैं। इस मंगल अवसर पर उन्होंने सभी गुरूभक्तों को मंगल आशीष प्रदान करते हुए कहा कि गुरू अन्धेरे में उस दीपक के समान हैं जिसके प्रकाश से शिष्य पाप की ठोकरों से बच जाता है। देव शास्त्र और गुरू की शरण में आकर ही गतिमान एवं गौरवशाली बना जा सकता है। भगवान तो स्वयं ही सर्वशक्तिमान और ज्ञान-वान हैं लेकिन उन्होंने भी संसार में स्वयं से भी बडा गुरू को ही माना है।
प्रचार प्रसार मंत्री पारस चित्तौडा ने बताया कि उपाध्याय मुनिश्री चार दिवसीय प्रवास पर आदिनाथ भवन सेक्टर 11 में बिराजेंगे। चार दिवसीय कार्यक्रमों में प्रातः 7.3॰ बजे शान्तिधारा, प्रातः 9.3॰ बजे मुनिश्री के प्रवचन एवं शाम को 7 बजे मंगल आरती के कार्यक्रम होंगे। चार दिवसीय प्रवास के बाद मुनिश्री का केसरियाजी की ओर विहार होगा।


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.