पेंशनर्स को डोर स्टेप पर दवा होगी उपलब्ध

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Published on : 26 Jun, 16 08:06

नए काश्तकारों को फसली ऋण, 27 रु. में 5 लाख का बीमा लाभ

सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने सहकारी बैंकों को ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण सुविधा से नए काश्तकारों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग के चार केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा खरीफ में 1315 करोड़ रुपए के ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला मुख्यालय पर सीसीबी के एटीएम लगेंगे वहीं उदयपुर में पेंशनर्स को डोर स्टेप पर दवा उपलब्ध कराने की शीघ्र ही व्यवस्था की जाएगी।
श्री किलक आज उदयपुर सहकार भवन में रजिस्ट्रार डॉ. रेखा गुप्ता के साथ उदयपुर संभाग के केन्द्रीय सहकारी बैंकों, भूमि विकास बैंकों, विपणन सहकारी समितियों, उपभोक्ता भण्डारों और इकाई कार्यालयों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
श्री किलक व डॉ गुप्ता से अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्री राजेन्द्र भट्ट व महाप्रबंधक उपभोक्ता भण्डार श्री आशुतोष भट्ट ने पिछले दिनों आयोजित सहकार मेले का वृत चित्र और स्मारिका समेला जारी कराई।
कायापलट होगी बांसवाड़ा के सहकारी आन्दोलन की
सहकारिता मंत्री ने बांसवाड़ा के सहकारी आंदोलन की कायापलट के लिए 61 करोड़ 71 लाख रुपए की समग्र सहकारी विकास परियोजना के क्रियान्वयन की शुरुआत करने की घोषणा करते हुए कहा कि पांच साल में जिले की सहकारी समितियों को आधारभूत संरक्षणा, मार्जिन मनी, हिस्सा राशि, अनुदान की रुप में राशि उपलब्ध कराई जाएगी। 3 करोड़ 30 लाख की लागत से बांसवाड़ा जिले मेें 30 नए गोदाम बनाए जाएंगे।
श्री किलक ने कहा कि जिन काश्तकार सदस्यों को कभी भी फसली ऋण नहीं मिला है उन्हें चिह्नित कर प्राथमिकता से ऋण दिया जाए। उन्होंने बताया कि ऋण वितरण व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बनाते हुए सीधे खातों में ऋण राशि का हस्तान्तरण किया जा रहा है। इसी तरह से केवल 27 रुपए में ऋणी सदस्यों का 5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा लाभ दियाजा रहा है।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना बीमा योजना से गत वर्ष के 21 लाख की तुलना में इस वर्ष 25 लाख काश्तकारों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने काश्तकारों से ब्याजमुक्त फसली ऋण सुविधा का लाभ उठाने के लिए 30 जून तक बकाया ऋण जमा कराने का आग्रह किया।
सहकारिता मंत्री श्री किलक ने कहा कि सहकारिता आंदोलन के व्यापक हित व सदस्यों और आमनागरिकों तक सहकारी सुविधाओं के विस्तार के लिए सहकारिता कानून में बदलाव किया गया है।
उन्होंने ऑडिट नहीं कराने वाली समितियोें के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए कारोबार पर रोक लगाने व अवसायन जैसे कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय पर ऑडिट होने से समिति में किसी तरह की अनियमितता और दुरुपयोग की संभावना को रोका जा सकता है। उन्होंने निष्कि्रय सहकारी समितियाें को बंद करने के निर्देश दिए।
रजिस्ट्रार डॉ. रेखा गुप्ता ने कहा कि उदयपुर सहकारी भण्डार अच्छा काम कर रहा है। इसकी कार्यप्रणाली से अन्य भण्डारों को प्रेरणा लेनी होगी। उन्होंने ऋण वितरण में गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर देते हुए सहकारी ऋणों की वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए।
डॉ. रेखा गुप्ता ने सहकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए पर चिंता व्यक्त करते हुए वसूली पर अधिक ध्यान देने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि संभाग की सहकारी संस्थाओं का कारोबार बढ़े, लोगों तक अधिक सुविधाएं पहुंचे और सहकारी संस्थाएं सक्षम इकाई के रुप में काम करे। उन्होंने खाद-बीज की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि संभाग के चार बैंकोें द्वारा अब तक डेढ़ लाख काश्तकारों को 560 करोड़ रुपए से अधिक के फसली ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
उदयपुर संभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्री राजेन्द्र भट्ट ने संभाग की सहकारी संस्थाओं की प्रगति की जानकारी दी। बैठक में जयपुर से अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री जी.एल. स्वामी, प्रबंध संचालकों में अपेक्स बैंक के श्री विद्याधर गोदारा, राज्य भूमि विकास बैंक के श्री विजय शर्मा, उपभोक्ता संघ के श्री उत्तम चंद तोषावड़ा व संभाग की सहकारी संस्थाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व इकाई अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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