श्वासों के अनुपात से किया जाना चाहिये प्राणायाम

( 29661 बार पढ़ी गयी)
Published on : 18 Jun, 16 08:06

 श्वासों के अनुपात से किया जाना चाहिये प्राणायाम उदयपर जीवन के हर चीज में अनुपात का बहुत महत्व होता है। चाहे खाने में नमक का हो या ज्यूस में शक्कर का। ठीक उसी प्रकार योग में श्वासों के अनुपात से किया जाने वाला प्राणायाम शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है।
योग प्रशिक्षक शुभा सुराणा ने रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित “योग के साथ करें दिन की शुरूआत” विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बाले रही थी। उन्हने कहा कि कपालभाति प्राणायाम में एक मिनिट में अधिकतम 120 स्ट्रोक लिये जा सकते है। किसी प्रकार के प्राणायाम करते समय रीढ की हड्डी को सीधा रखना चाहिये।
श्रीमती सुराणा ने बताया कि प्राणायाम करते समय मुख्य बात का यह ध्यान रखना चाहिये कि श्वासों की आवाज बाहर नहीं आनी चाहिये। शरीर को बाह्य एवं आन्तरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए हट एवं आ६टांग योग किया जाता है। अनुलोम-विलोम से नाडीशोधन किया होती है।
उन्होंने बताया कि आ६टांग योग में यम, नियम,आसन,प्रणायाम, प्रतिहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि 8 प्रकार के प्राणायाम किये जाते है। उन्होंने बताया कि योग का अर्थ एकता है। आत्मा के ईश्वर के साथ जुडना ही योग है। हम आमतौर पर बिना जाने हठ योग करते है। जब हम प्राणायाम की आठवीं स्टेज पर पंहचते है तो समाधि को प्राप्त करते है।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष गजेन्द्रजोधावत ने बताया कि योग की विभिन्न कि्रयाओं को सही तरीके करते हुए हम आजीवन स्वस्थ रह सकते है। उन्हने बताया कि आगामी 30 जून को सत्र् 2015-16 का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। बैठक के अंत में वरि६ठ उपाध्यक्ष उमेश नागौरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.