”भीख नहीं, सीख दें” के साथ आमजन से समझाइश

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Published on : 31 May, 16 17:05

”भीख नहीं, सीख दें” के साथ आमजन से समझाइश उदयपुर । कोई धार्मिक आस्था से तो कोई परोपकार करने के उदेश्य से अपनी गाडी रोककर चौराहो पर बच्चों को भिक्षा देता पाया गया। भिक्षा की लालच मे सडक पर दौडते बच्चो के साथ होने वाली दुर्घटना एवं शिक्षा के बजाये इनके भविश्य की दुर्दशा की स्थिति से अवगत करवाते आज जिला प्रशासन द्वारा संचालित ऑपरेशन संवेदना के तहत गठित समझाइश दलों ने राहगिरो से भिख नहीं सीख दें की अपिल करते हुए भिक्षावृत्ति को बढावा न देने का संकल्प दिलवाया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक गिरिश भटनागर ने बताया कि आज स्वयं सेवी संस्थाओ एवं सामाजिक कार्यकताओं द्वारा शहर के उदियापोल स्थित बस स्टेण्ड, कच्ची बस्ती, सुरजपोल एवं देलहलीगेट पर कुल १६ याचको को चिहित कर समझाइश की गई।
बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि पूर्व में कि गई समझाइश एवं वर्तमान के प्रयासों के बाद अब आवश्यकता सख्त कार्यवाही की है। ऑपरेशन मॉड में जिला प्रशासन एवं सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर आदतन एवं नशे का सेवन करने वाले याचको को अपने निवास स्थानों पर भेजें। पर्यटक स्थल होने के कारण कई नशे के आदि लोग विभिन्न राज्यों से यहॉ आ कर भिक्षा मांगते है। दो दिनों में चिन्हित कुल ४२ याचकों में से ३५ से ज्यादा याचक राजस्थान प्रदेश के बाहर के है।
श्री आसरा विकास स्थान के निदेशक भोजराम सिंह पद्मपूरा ने बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड लाइन के मार्फत बाल श्रम एवं भिक्षावत्ति में संलग्न बच्चो को तुरन्त आश्रय करवाने का सुझाव दिया ओैर सम्भावना जताई कि शायद कही शहर में कोई गिरोह बच्चो के लिए कार्य कर रहा हो तो इस अभियान से पता लगाया जा सकता है।
आज समझाइश विभिन्न चौराहों के साथ साथ उदियापोल बस स्टेण्ड के नजदीक बसी कच्ची बस्ती के लोगो के साथ भी कि गई। समझाइश में बाल कल्याण समिति सदस्य डॉ. राजकुमारी भार्गव, बाल सुरक्षा नेटवर्क, श्री आसरा विकास संस्थान, नारी उत्थान सेवा समिति, गायत्री सेवा संस्थान, स्वतन्त्रता सेनानी वी.पी. सिंह संस्थान एवं त्रिवेदी मेवाडा ब्राहमण समाज युवा प्रकोश्ठ के प्रतिनिधी माजूद रहे।


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