काल ड्राप छिपाने वाली तकनीक की होगी जांच

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Published on : 31 May, 16 10:05

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि टेलीकाम आपरेटरों के रेडियो लिंक प्रौद्योगिकी (आरएलटी) के माध्यम से काल ड्राप छिपाने के मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।प्रसाद ने मोदी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की उपलब्धियों को बताने के दौरान यहां पत्रकारों से र्चचा में आरएलटी के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई और दूरसंचार विभाग इसकी जांच कर रहा है। जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती कुछ नहीं कहा जा सकता है। मामले में सही पाए जाने पर ट्राई कार्रवाई करने में सक्षम है। काल ड्राप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में एक लाख टावर लगाए गए हैं जिनमें से छह हजार टावर दिल्ली में हैं। उल्लेखनीय है कि टेलीकाम कंपनियों के आरएलटी के जरिए काल ड्राप को छिपाने एवं ग्राहकों से ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रौद्योगिकी से ग्राहक के संबंधित नंबर को डायल करने पर लगता है कि काल कनेक्ट हो चुका है जबकि आवाज आती नहीं है और बगैर बात हुए भी ग्राहक के खाते से शुल्क कट जाता है।
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