डीजल वाहनों पर प्रतिबंध दूसरे शहरों तक नहीं बढ़ाया जाए

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Published on : 31 May, 16 10:05

नई दिल्ली । केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्र म मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा कि 2000 सीसी से ऊपर के डीजल वाहनों के पंजीकरण पर उच्चतम न्यायालय की ओर से लगाई गई पाबंदी को दूसरे शहरों तक नहीं बढ़ाया जाए, क्योंकि इसका ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास की गति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। मंत्रालय ने एनजीटी से आग्रह किया है कि किसी भी शहर में नए वाहनों की ‘‘बिक्री एवं पंजीकरण’ पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जाए जो ईंधन के इस्तेमाल से इतर उत्सर्जन से संबंधित नियमों का अनुपालन कर रहे हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिए आवेदन में मंत्रालय ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने 16 दिसम्बर, 2015 को एनएसीआर में 2000 सीसी और इससे अधिक की डीजल एसयूवी एवं निजी कारों के पंजीकरण पर 31 मार्च 2016 तक रोक लगाने का आदेश दिया। बाद में इस प्रतिबंध को 30 अप्रैल 2016 तक के लिए बढ़ा दिया। 30 अप्रैल 2016 को उच्चतम न्यायालय ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद मामले पर सुनवाई तक यथास्थिति बरकरार रखा। उसने कहा, इस घटनाक्र म को देखते हुए भारी उद्योग विभाग का मानना है कि अगर उच्चतम न्यायालय की ओर से लगाया गया प्रतिबंध एनजीटी द्वारा 11 शहरों तक बढ़ाया जाता है तो इसका आटो उद्योग के विकास की गति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा कि आटो उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्सा है। मंत्रालय के अनुसार उसने पर्यावरण संरक्षण और सतत आर्थिक विकास की जरूरतों में संतुलन बैठाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
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