सिटी पैलेस में कार्यशाला-गाइडों ने जानी मेवाड की पाषाण संस्कृति

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Published on : 29 May, 16 08:05

सिटी पैलेस में कार्यशाला-गाइडों ने जानी मेवाड की पाषाण संस्कृति यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा शहर की ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर के संवर्द्धन, संरक्षण के उद्देश्य से किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी पर्यटकों को मिलें इस बाबत स्थानीय गाइडों के लिए विशेष कार्यशाला शनिवार को आयोजित की गई। कार्यशाला में इतिहासविद् डॉ. राजेन्द्र सिंह बारहठ ने पाषाण संस्कृति और मेवाड के इतिहास पर पत्र वाचन किया।
महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि डॉ. बारहठ ने बताया कि दुनिया के सबसे प्राचीन पहाड की श्रृंखला जिसे आडावळ कहा जाता था। अब उसका नया नाम अरावली है। आडौ वळौ मकान बनाने में वळा का प्रयोग करते है। राजस्थान के बीच में आडावळा यानी अरावली एक मकान की तरह है। पुरातत्व उत्खनन के शोध के अनुसार आहड, बालाथल, गिलूण्ड, महाराज की खेडी, ईसवाल, नठारा की पाल, नगरी एवं उझियाणा मेवाड के पुरातत्विक स्थल है। राजस्थानी भाषा भारत की सबसे प्राचीन प्राकृत संस्कृत तमिल के बाद दूसरी प्राचीन भाषा है। अंग्रेजों का राजकीय पत्राचार राजस्थानी रियासतों के साथ राजस्थानी भाषा में ही होता था। डॉ. बारहठ ने वर्तमान में ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में किए जा सकने वाले प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर शहर के अनेक गाईड एवं फाउण्डेशन के अधिकारी उपस्थित थे।
इन्होंने लिया भागः शनिवार को आयोजित कार्यशाला में संतोष किंगरानी, शैलेन्द्र सिंह भाटी, शैलेन्द्र सोनी, शक्ति सिंह शक्तावत, सिद्धार्थ शर्मा, सुल्तान सिंह देओल, सुनील पुजारी, सूरज सोनी, सुरेन्द्र सिंह योद्धा, सुरेश गोठवाल, सुरेश जेठी, तिलकेश शर्मा, उमाशंकर सुखवाल, उमेश सोनी, उमेश कुमार माली, वीरेन्द्र सिंह विशावत, विजय कोटिया, विजय विरवानी, विक्रम सिंह राठौड, विक्रम सिंह राणावत, विक्रम सिंह राठौड, विक्रमजीत सिंह पंवार, विनोद पालीवाल, विशाल शर्मा, वितेश कुमार राजपूत, यादवेन्द्र सिंह राठौड, राजेन्द्र वीर सिंह सोलंकी, अयाज मोहम्मद, नितिन जेठी, मनीष जोशी, अक्षय सिंह राव, संदीप दाधीच, रविन्द्र सिंह राणावत, मोहम्मद जहीर ने भाग लिया।

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