जिंक के पवन कौशिक ’विजनरी ऑफ राजस्थान‘ से सम्मानित

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Published on : 28 May, 16 16:05

जयपुर / जयपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में एक जाने-माने प्रकाशन ने हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेटक कम्यूनिकेशन पवन कौशिक को ’इण्डिया टूडे - विजनरी ऑफ राजस्थान‘ पुरस्कार से सम्मानित किया।

यह पुरस्कार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष श्री अशोक परनामी, राजस्थान सरकार के माननीय यातायात मंत्री युनुस खान तथा जयपुर शहर के सांसद श्री रामचरण बोहरा ने पवन कौशिक को प्रदान किया। पवन कौशिक को इससे पहले सामाजिक सरोकारों के लिए जाने-माने टीवी चैनल ने ’शान-ए-राजस्थान‘, पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ने ’जन-सम्फ उत्कृष्टकता पुरस्कार, लेकसिटी प्रेस क्लब ने ’उदयपुर रत्न अवार्ड‘ टाइम्स ऑफ इण्डिया, रोटरी इण्टरनेशनल मेवाड तथा आईस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

’विजनरी ऑफ राजस्थान‘ पुरस्कार पवन कौशिक को वंचित बच्चों के प्रति आम जनता में जागरूकता लाने तथा सामाजिक सरोकारों के कार्यक्रम ’सखी‘ व ’खुशी‘ तथा ग्रामीण महिला सशक्तिकरण एवं ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक उत्थान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया है।

पवन कौशिक हिन्दुस्तान जिंक में पद ग्रहण करने से पहले केन्द्रीय सरकार के अनेकों महत्वपूर्ण अभियानों के साथ जुडे रहे है। भारत सरकार के एडवरटाईजिंग एण्ड विजवल पब्लिसिटी निदेशालय में पदभार के दौरान केन्द्र सरकार की नई आर्थिक नीति, ग्रामीण विकास, एड्स जागरूकता, टीकाकरण, बाल शिक्षा, आयकर, राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सद्भाव, भारतीय स्वतंत्रता के ५० वर्ष, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, नशा विरोधी जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील सामाजिक एवं आर्थिक विषयों के प्रचार अभियान को निर्देशित कर प्रतिपादित किया है। इसके पश्चात् पवन कौशिक ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), दिल्ली में पहली बार फैशन कम्यूनिकेशन विभाग की शुरूआत की। इसी संस्थान में कम्यूनिकेशन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में फैशन कम्यूनिकेशन को पढाने एवं निफ्ट को नई पहचान दिलाने में सफलता प्राप्त की।

इन्होंने प्रिन्ट मीडिया में कई कॉलम लिखे है तथा तीन दशक से रेडियो व टेलीविजन माध्यम से जुडे हैं। छब्म्त्ज् के लिये इनकी निर्मित शैक्षिक फिल्म ’।प्त् ।त्व्न्छक् न्ैश् जापान के प्रतिष्ठित शैक्षणिक अवार्ड ’’नीप्पोन’’ से सम्मानित की गई है। भारत सरकार द्वारा ५ कार्यदिवस की घोषणा पर इनके द्वारा लिखे लेख को देश में पहला पुरस्कार मिला है।

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