फिर किस बात पर इतरा रही है भाजपा - गहलोत

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Published on : 20 May, 16 15:05

फिर किस बात पर इतरा रही है भाजपा - गहलोत जयपुर, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जिस भारतीय जनता पार्टी और उसके पुराने संस्करण जनसंघ को असम में अपनी पहली सरकार बनाने और केरल की विधानसभा में अपना पहला विधायक भेजने लायक जनविश्वास हासिल करने में 65 साल लग गये, उसे 5 राज्यों के चुनाव परिणामों पर इतना इतराने की जरूरत नहीं है।
श्री गहलोत ने चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा तथा सुशासन, सुचिता और पार्टी-विद ए-डिफ्रेरेन्स के नारों को वह कभी का भुला चुकी। अब तो वह धनबल से लेकर के बाहुबल तक का चुनावों में खूब इस्तेमाल करती है।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि भाजपा असम में जीत गयी, लेकिन उसके नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि वहां 15 साल से कांग्रेस की सरकार थी, उसे यह भी नहीं भूलना चाहिए कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 69 विधानसभा सीटों पर बढत और 37 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब घटकर 60 सीट और 29.5 प्रतिशत मत रह गये हैं।
श्री गहलोत ने कहा कि भाजपा का यही हाल चुनाव वाले अन्य चारों राज्यों में हुआ है। पश्चिम बंगाल में उसे 2014 में 17.43 प्रतिशत वोटों के साथ 24 सीटों पर बढत मिली थी जो अब घटकर 3 सीट और 10.16 प्रतिशत वोट तक सीमित रह गयी है। यही हाल उसका तमिलनाडू, केरल और पांडीचेरी में हुआ है। जबकि कांग्रेस की सीटें और वोट शेयर पश्चिम बंगाल व पांडीचेरी में बढा है।
श्री गहलोत ने कहा कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत‘ की बात करने वालों को यह याद रखना चाहिए कि वर्ष 1984 में भाजपा को लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटें ही मिली थी। इतना ही नहीं ‘जनसंघ/भाजपा‘ की स्थापना के कई दशकों बाद तक देश के राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इनकी पहचान तक नहीं बन पाई थी। लेकिन कांग्रेस ने कभी भी ‘जनसंघ/भाजपा मुक्त‘ भारत की बात कभी नहीं की थी क्योंकि कांग्रेस का लोकतंत्र में यकीन है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में भाजपा फासिस्टवादी विचारधारा में विश्वास करती है। भाजपा के लोगों ने तो लोकतंत्र का केवल मुखौटा लगा रखा है। इसी कारण भाजपा ‘कांग्रेस मुक्त भारत‘ जैसी बकवास कर रही है।
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