राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्राी की केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राी से भेंट

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Published on : 20 May, 16 08:05

राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्राी की केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राी से भेंट नई दिल्ली । राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्राी श्री कालीचरण सर्राफ ने केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत राज्य के 160 उपखण्ड़ों पर तीनों संकायों से युक्त नये महाविद्यालय खोलने के लिए 1600 करोड़ रूपये की एक मुश्त अनुदान राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया है।
श्री सर्राफ ने यह मांग गुरूवार को नई दिल्ली के शास्त्राी भवन में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राी श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी से मुलाकात के दौरान रखी। उन्होंने बताया कि राज्य के 289 उपखण्ड मुख्यालयों में से 160 उपखण्ड मुख्यालय ऐसे है जहां कोई भी सरकारी महाविद्यालय नहीं है।
श्री सर्राफ ने बताया कि राज्य की 5200 ग्राम पंचायतों में सीनियर सैकण्डरी स्कूल खोलने से महाविद्यालयों में छात्रों के प्रवेश की संख्या बढ़ी है। विगत वर्ष 3.50 लाख छात्रों ने कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन किया था। लेकिन महाविद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटे बढ़ाने के बावजूद एक लाख छात्रों को ही एडमिशन दिया जा सका। इस परिप्रेक्ष्य में देश में क्षेत्राफल की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य राजस्थान में नये महाविद्यालयों की स्वीकृति दिया जाना उचित होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में संचालित 95 राजकीय महाविद्यालयों मंे विज्ञान और 84 राजकीय महाविद्यालयों में वाणिज्य संकाय नहीं है। इनमें ये संकाय शुरू करने के लिए करीब 750 करोड़ रूपये की एक मुश्त अनुदान राशि की जरूरत है।
श्री सर्राफ ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि राज्य के प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय पर कम से कम एक कला संकाय, विज्ञान संकाय और वाणिज्य संकाय के छात्रा-छात्राओं के लिए पृथक-पृथक राजकीय महाविद्यालय हो, किन्तु यह कार्य राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के कारण बिना केन्द्रीय मदद के नहीं कर सकती है।
उन्होंने बताया कि कला संकाय के लिए एक महाविद्यालय के लिए न्यूनतम 5.50 करोड़ रूपये, कला एवं वाणिज्य संकायों के कॉलेज के लिए करीब 8 करोड़ रूपये और कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय युक्त एक कॉलेज के लिए अनुमानित 10 करोड़ रूपये की जरूरत है।
आई.आई.आई.टी. कोटा के लिए बजट की मांग
श्री सर्राफ ने बताया कि राज्य के शिक्षा हब कोटा का वर्तमान आई.आई.आई.टी. कैम्पस एम.एन.आई.टी., जयपुर में संचालित हो रहा है। ट्रिपल आई.टी. कोटा के लिए राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क भूमि का आवंटन किया जा चुका है तथा इसमंे चहारदिवारी का कार्य भी हो चुका है। इसे अपने परिसर में संचालित करने के लिए भवन तैयार करवाया जाना आवश्यक है और इसके लिए केन्द्र सरकार को तुरन्त पर्याप्त बजट आवंटित किया जाना चाहिए। साथ ही संसद में अपेक्षित एक्ट भी पारित किया जाना अपेक्षित है।
एक और केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोला जाए
श्री सर्राफ ने श्रीमती ईरानी से देश के सबसे बड़े भू-भाग वाले प्रदेश राजस्थान में एक और केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में एक ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय संचालित है।
संस्कृत शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मदद की जरूरत
श्री सर्राफ ने बताया कि राजस्थान में दो हजार संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 11 हजार शिक्षक सेवारत है। उन्होंने बताया कि देश में राजस्थान एक मात्रा ऐसा राज्य है जहां सन् 1958 से पृथक से संस्कृत निदेशालय संचालित हो रहा है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्राी से संस्कृत शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए छह करोड़ रूपये की राशि मंजूर करने का आग्रह किया।
लुप्त प्रायः शास्त्रा संरक्षण योजना
उन्होंने बताया कि संस्कृत के ऐसे अनेक शास्त्रा है जिनके अध्ययन अध्यापन की परम्परा लुप्त होने के कगार पर है। इस दृष्टि से राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रतिभाशाली युवा शिक्षकों को इनका अध्ययन करने के लिए सवैतनिक अवकाश स्वीकृत कर इन शास्त्रों के उपलब्ध विद्वानों के पास भेजकर लुप्त प्रायः शास्त्रों को पुनर्जीवित किया जाए।
श्री सर्राफ ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि विभिन्न शास्त्रों के निष्णान्त विद्वानों की सूची उपलब्ध करवाने के साथ ही लुप्त प्रायः शास्त्रों के संरक्षण की महत्वाकांक्षी योजना के लिए समुचित बजट उपलब्ध करवाया जाए और राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के माध्यम से इस योजना की स्वीकृति दी जाए।
इस मौके पर राज्य के कॉलेज शिक्षा निदेशक श्री अनूप खींची भी मौजूद थे।
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