न्य कालांश के दौरान उठाया मुद्दा पश्चिमी नागौर में सौर ऊर्जा पार्क लगाने का

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Published on : 06 May, 16 20:05

नई दिल्ली, नागौर सांसद श्री सी. आर. चौधरी ने लोकसभा में शून्य कालांष के दौरान लोक महत्व के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि पश्चिमी नागौर में सौर ऊर्जा पार्क लगाने की मांग करते हुए बताया कि नागौर जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा अर्द्ध मरूस्थलीय है।
सांसद श्री चौधरी ने बताया देष मंे नवीनीकरण ऊर्जा का विद्युत उत्पादन में अभी तीसरा स्थान है। देष मे सौर ऊर्जा के विकास की संभावना अधिक है क्योंकि यहॉं वर्षा कम होती है एवं मानसून देरी से आता है एवं जल्दी लौट जाता हैै। इस कारण से वर्ष भर गर्मी पड़ती है। पष्चिमी राजस्थान जो कि राज्य का दो तिहाही क्षैत्रफल धारण किये हुए है, वहॉं पर सौर ऊर्जा के पार्क सरकार एवं प्राइवेट कम्पनियों ने विकसित किये हैं।
लोकसभा में बोलते हुए सांसद चौधरी ने कहा कि नागौर जो कि राजस्थान का धरातल की दृष्टिकोण से तीसरा बड़ा जिला है एवं अर्द्ध मरूस्थलीय है, सौर ऊर्जा पार्क विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्र सरकार एवं मंत्री से अनुरोध किया कि एक सौर ऊर्जा पार्क पष्चिमी नागौर के लिए स्वीकृत किया जावे।
सांसद चौधरी ने संसद के आगामी सप्ताह की कार्यसूची में चर्चा के लिए नागौर जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय खोलने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बसी ढ़ाणियों के विद्युतीकरण के सम्बन्ध में चर्चा करने का अनुरोध किया।
सांसद चौधरी ने संसद के आगामी सप्ताह की कार्यसूची में चर्चा के लिए नागौर जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय खोलने की मांग करते हुए कहा कि नागौर जिला षिक्षा की दृष्टि से पिछड़ा हुआ हैं। पिछले नौ वर्षों से केन्द्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन है। केन्द्रीय विद्यालय हेतु जिला प्रषासन द्वारा 15 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी गयी हैं एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु विद्यालय भवन की भी व्यवस्था की गयी है।
सांसद चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा कि नागौर की 33 लाख की आबादी व सैनिकों की भूमि पर केन्द्रीय विद्यालय खोलना अतिआवष्यक है। उन्होंने बताया कि जिले की ग्रामीण आबादी गांवों के साथ-साथ ढाणियों में निवास करती है। खेतों पर ही लोगों ने घर बना रखे है। उन ढाणियों में बच्चों की पढ़ाई एवं रात्रि उजाला व घरेलू कार्यों हेतु सिंगल फेस विद्युत से जोड़ा जाए अथवा 90 प्रतिषत सब्सिडी सौर ऊर्जा पर देकर दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ढ़ाणियों को विद्युतीकरण से जोड़ा जावें।

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