यूपी के चुनावी अखाड़े में ताल ठोंकने को जदयू तैयार

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Published on : 02 Apr, 16 08:04

पटना : यूपी के विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ी भूमिका निभायेंगे. इसके साथ ही 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को घेरने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इसकी शुरुआत इसी माह से होनेवाली है. रामनवमी के बाद जदयू, चौधरी अजित सिंह के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और बाबूलाल मरांडी के झारखंड विकास मोरचा (जेवीएम) का विलय कर नयी पार्टी की औपचारिक घोषणा हो जायेगी. इस मौके पर तीनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष संयुक्त प्रेस काॅन्फ्रेंस में नयी पार्टी के नाम का एलान करेंगे.

तीनों दलों की इच्छा है कि इस प्रेस काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहें. इसके लिए नीतीश कुमार से अनुरोध किया जा रहा है.

इसी माह तीनों दलों का मथुरा के वृंदावन में संयुक्त अधिवेशन बुलाया जायेगा जिसमें पार्टी के नये अध्यक्ष चुने जायेंगे. इसके पहले अगले सप्ताह तक रालोद आैर जेवीएम की अलग-अलग बैठक होगी, जिसमें अन्य मसलों के अलावा विलय पर सहमति देने के लिए रालोद चौधरी अजित सिंह को और जेवीएम बाबूलाल मरांडी को अधिकृत करेगा. जदयू पहले ही दिल्ली की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को इसके लिए अधिकृत कर चुका है.

अगले साल होनेवाले यूपी विधानसभा के चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए नये दल के साथ आने को यूपी की कई और पार्टियां तैयार है. अपना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में आस्था प्रकट कर नये दल के साथ आने की इच्छा जतायी है.

डॉ मोहम्मद अयूब की अध्यक्षता वाली पीस पार्टी ने भी नये दल के साथ आने की इच्छा जतायी है. 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी 2.35 फीसदी वोट के साथ चार सीटें जीती थीं. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की अगुआई में बने किसान मंच ने भी नीतीश कुमार के प्रति आस्था प्रकट की है. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि किसान मंच ने भी नीतीश कुमार के साथ काम करने की बात कही है.
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